IRCTC घोटाला, तेजस्‍वी यादव को राहत मिलेगी या कसेगा शिकंजा? जानें लेटेस्ट अपडेट

Update: 2022-09-28 07:33 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की IRCTC घोटाला मामले में जमानत रद्द करने की सीबीआई की मांग वाली याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई टाल दी है. अब इस मामले में कोर्ट 18 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. अदालत ने इस मामले में अक्टूबर 2018 में तेजस्वी यादव को जमानत दी थी.
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी ने जांच एजेंसी को एक पब्लिक मीटिंग के दौरान धमकी दी थी. सीबीआई ने कोर्ट से मांग की है कि IRCTC घोटाला मामले में आरोपी तेजस्वी यादव की जमानत रद्द कर दी जाए. सीबीआई की इस याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट अब 18 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले पर अगली सुनवाई के दौरान तेजस्वी को अदालत में पेश होना होगा. दरअसल CBI ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि तेजस्वी ने जांच एजेंसी को एक पब्लिक मीटिंग के दौरान नतीजा भुगतने की धमकी दी थी. फिलहाल अक्टूबर 2018 में ही तेजस्वी यादव को जमानत पर हैं.
25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने धमकी और चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि क्या सीबीआई अधिकारियों की मां बहनें और बच्चे नहीं होते? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए. बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के मुख्य घटक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कई नेताओं के घरों पर सीबीआई ने छापे मारे थे. नौकरियों के बदले जमीन की योजना से जुड़े घोटाले के आरोपों में सीबीआई छापेमारी के बाद तेजस्वी ने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
साल 2004 से 2009 के बीच लालू यादव रेल मंत्री रहे थे. उस समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के जरिए रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम अचानक सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को दे दिया गया. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक थे और सुजाता होटल्स ने इसके बदले में कथित तौर पर लालू यादव को पटना में तीन एकड़ जमीन दे दी, जो बेनामी संपत्ति थी.
2006 में रांची और ओडिशा के पुरी में आईआरसीटीसी के दो होटलों के ठेके पटना में एक प्रमुख स्थान पर तीन एकड़ के वाणिज्यिक भूखंड के रूप में रिश्वत में शामिल एक निजी फर्म को आवंटित करने में कथित अनियमितताएं थीं. प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले में चार्जशीट दाखिल की थी और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था.
इस मामले में सीबीआई कई बार राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव से भी पूछताछ की थी. इसके बाद सीबीआई ने 2017 में सभी के खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कर लिया था. 2018 में इस मामले में जमानत दे दी गई थी.
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में ईडी ने अगस्त 2018 पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पीसी गुप्ता, सरला गुप्ता समेत कुल 16 लोंगो के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीट दायर की थी.
ईडी ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव समेत आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया. ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि रेलमंत्री रहने के दौरान लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखकर पुरी और रांची के दो आईआरसीटीसी के होटलों को पीसी गुप्ता की कंपनी को दे दिया. चार्जशीट में ये भी कहा गया कि पीसी गुप्ता लालू यादव के नजदीकी थे. भ्रष्टाचार में डूबे पूर्व रेलमंत्री लालू यादव ने किसी नजदीकी के चलते सर्कल रेट से कम दर पर टेंडर निकलवाया. साथ ही पीसी गुप्ता ने भी लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी समेत पूरे परिवार को अपनी संपत्तियां ट्रांसफर की.
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