दिल्ली न्यूज़: भारत के तीन राज्यों पर अगले कुछ दशकों में भयानक आपदा आने की आशंका है. ये राज्य हैं – उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat). आसमान से शोले बरसेंगे. इतनी गर्मी बढ़ेगी कि कोई भी तरीका इन तीनों राज्यों को सूरज के कोप से नहीं बचा पाएगा. बस 28 साल और. यानी साल 2050. यहां तक पहुंचते-पहुंचते उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की हालत खराब होने वाली है. पानी सूख जाएगा. लेकिन पसीना नहीं सूखेगा. न इंसान सुधरेंगे. न दुनिया बदलेगी. वजह है इंसानों द्वारा पैदा किया जा रहा प्रदूषण (Pollution). इससे हो रहा है जलवायु परिवर्तन (Climate Change). इससे बढ़ रही है वैश्विक गर्मी.
यूपी, राजस्थान और गुजरात में अधिक तापमान की मार नया नॉर्मल (New Normal) हो जाएगा. लोगों को आदत हो जाएगी 51 डिग्री सेल्सियस में रहने की. ये स्थिति तब बनेगी जब पूरी दुनिया मिलकर साल 2100 तक ग्लोबल वॉर्मिंग यानी तापमान वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से अधिक न बढ़ने दे. हालांकि, इससे पहले ही यानी साल 2050 तक ही इन तीनों राज्यों समेत भारत के कई राज्यों में ज्यादा गर्मी के दिन देखने को मिल सकते हैं. साल 2050 तक यूपी, गुजरात और राजस्थान में 100 दिनों और साल 2100 तक 150 दिनों तक की अत्यधिक गर्मी वाले दिनों का स्पेल हो सकता है. डरावनी बात ये है कि पिछले साल कैलिफोर्निया में पारा 54 डिग्री सेल्सियस पहुंचा तो हालत खराब हो गई थी. जंगलों में आग लग रही थी. लिफोर्निया में आग लग रही थी. कनाडा का एक कस्बा जलकर खाक हो गया था. अब अगर भारत के इन तीनों राज्यों पारा 50 या उससे ऊपर पहुंचा तो क्या ये इस गर्मी को बर्दाश्त कर पाएंगे. चीन में सड़कें और छतें पिघल गई थीं. ब्रिटेन समेत पूरे यूरोप में सूखा पड़ा हुआ है.
तापमान 51 डिग्री सेल्सियस के ऊपर भी जा सकता है
डाउन टू अर्थ ने जर्नल कम्यूनिकेशंस अर्थ एंड एनवॉयरॉनमेंट जर्नल में छपी रिपोर्ट के हवाले से यह खबर लिखी है. इस रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि अगर बहुत बुरी स्थिति हुई, तापमान वृद्धि को रोका नहीं जा सका तो यूपी, राजस्थान और गुजरात को हफ्तों या फिर महीनों तक भयानक गर्मी के दिनों का सामना करना पड़ सकता है. यानी हवा का तापमान (Air Temperature) और आद्रता (Humidity) बढ़ेगी. तापमान 51 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर भी जा सकता है. मौसम विभाग को चेतावनी जारी करनी पड़ेगी कि इस दौरान लोग घरों से बाहर न निकले. धूल भरी आंधियां चलेंगी, तापमान बढ़ेगा, ह्यूमेडिटी की वजह से लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा.
100 से ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त करनी पड़ेगी ज्यादा गर्मी
अमेरिका के नेशनल वेदर सर्विस (National Weather Service) के मुताबिक खतरनाक गर्मी वाले दिन तब शुरू होते हैं, जब हीट इंडेक्स यानी पारा 39.4 डिग्री सेल्सियस के ऊपर जाना शुरू कर देता है. यह एजेंसी अमेरिका और उसके आसपास के इलाकों में मौसम, पानी की स्थिति और जलवायु संबंधी भविष्यवाणी करती है. इसके मुताबिक भारत के कुछ इलाके 2050 तक 100 दिनों तक की अत्यधिक गर्मी बर्दाश्त करेंगे. साल 2100 तक ये अत्यधिक गर्मी का पीरियड भारत के कई हिस्सों को जकड़ लेगा. यह 100 दिनों से बढ़कर 150 दिनों तक भी जा सकता है. ऐसे में पूरे भारत की हालत खराब होनी तय है.
इस तरह की गई है स्टडी, ताकि सटीक भविष्यवाणी हो:
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्चर वरगास जेपेटेलो ने बताया कि इस तरह की अत्यधिक गर्मी वाले मौसम के लिए भारत एक हॉटस्पॉट है. इस साल मार्च-अप्रैल में पड़ी गर्मी एक्स्ट्रीम हीट के करीब पहुंच गई थी. वरगास जेपेटेलो और उनकी टीम ने साल 2050 और 2100 तक की भविष्यवाणी की है. इसके लिए इन्होंने पिछले दशकों के तापमान का डेटा, जलवायु, आबादी, आर्थिक विकास और कार्बन इंटेसिटी के डेटा का विश्लेषण किया है.
गर्मी इतनी पड़ेगी की सड़कें पिघलने लगेंगी. छतों पर दरारें पड़ने लगेंगी:
वरगास जेपेटेलो ने अपनी स्टडी में 5, 50 और 95 के पर्सेंटाइल पर बेस्ट केस, मोस्ट लाइकली केस और सबसे बुरी स्थिति का आकलन किया है. जेपेटेलो कहते हैं कि अगर समाज कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह से सीमित कर दे तो 5 पर्सेंटाइल वाली स्थिति को हासिल किया जा सकता है. अगर प्रदूषण रोकने को लेकर खराब काम किया तो 95 पर्सेंटाइल कहीं नहीं गया है. लेकिन सबसे ज्यादा जो स्थिति बनने वाली है, वो 50 पर्सेंटाइल वाली है. यानी इंसान पूरी तरह से गर्मी बढ़ने से नहीं रोक पाएगा. न ही प्रदूषण को.
जितना ज्यादा कार्बन उत्सर्जन, उतना ज्यादा तापमान:
जेपेटेलो और उनकी टीम ने सबसे पहले यह पता किया उस समय तक कितना कार्बन उत्सर्जन होगा. उसके बाद यह निकाला कि इससे कितना तापमान बढ़ेगा. इससे मौसम पर क्या असर पड़ेगा. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के प्रोफेसर और इस स्टडी में शामिल एड्रियन राफ्टेरी ने कहा कि हमारी गणना के हिसाब से जो कार्बन उत्सर्जन होने वाला है, उसका असर तापमान के बढ़ने से होगा.
राजस्थान तो पहले ही गर्मी की मार बर्दाश्त करता आया है, तापमान बढ़ा तो हालत और खराब हो जाएगी.
सिर्फ ये तीन राज्य ही नहीं, पूरे देश पर पड़ने वाला है असर:
एड्रियन ने कहा कि साल 2050 तक उत्तर भारत और उसके पूर्वी तटीय इलाकों में 100 से 150 दिनों तक भयानक गर्मी पड़ेगी. बुरी स्थिति में सबसे ज्यादा बुरी हालत उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की होने वाली है. यहां पर 150 दिनों तक भयानक गर्मी की हालत रहेगी. इससे भी बुरी हालत तो ये होगी की साल 2100 तक भारत के बहुत बड़ा हिस्सा वही स्थिति झेलेगा जो ये तीन राज्य 2050 से झेलना शुरू कर देंगे.
भारतीय स्टडी में भी दी गई थी चेतावनी:
साल 2019 में भारत में हुई एक स्टडी ने दो हीटवेव्स की भविष्यवाणी की थी. जिसमें साल 2020 से 2064 तक अत्यधिक गर्मी के दिन 12 से 18 के बीच थे. भारत के दक्षिणी हिस्से यानी तटीय इलाकों को इस समस्या से जूझना पड़ेगा. नई स्टडी के मुताबिक साल 2100 तक गर्मी के भयानक दिन दोगुने होने वाले हैं. वो भी तब जब पूरी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस पर रोकने में कामयाब हो जाए. लेकिन इसी दौरान अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, चीन और जापान में अत्यधिक गर्मी वाले दिन 3 से 10 गुना ज्यादा होंगे.