इंस्पेक्टर और कांस्टेबल सस्पेंड, शराब कांड मामले में गिरी गाज
बड़ी कार्रवाई
यूपी। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले पहाड़पुर गांव में देशी शराब के सरकारी ठेके से विंडीज ब्रांड की शराब पीने से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं. सरकारी ठेका धीरेंद्र सिंह के नाम पर है जिसके घर पर करीब 2 घंटे तक आईजी, रायबरेली के डीएम-एसपी समेत तमाम पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने छानबीन की. ठेकेदार धीरेंद्र सिंह परिवार समेत फरार है. उसकी तलाश में टीमें लगाई गई हैं. वहीं, शराब कांड मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. इंस्पेक्टर अजय कुमार, कांस्टेबल धीरेंद्र श्रीवास्तव को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं जिला आबकारी अधिकारी राजेश्वर मौर्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है.
ठेकेदार के घर से शराब की बोतलें और केमिकल मिला है जिसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. ठेकेदार का घर सील कर दिया गया है. प्रारम्भिक जांच में शराब में मिथाइल एल्कोहल नहीं मिला है इसलिए प्रशासन ज़हरीली शराब की पुष्टि नहीं कर रहा है. वहीं जिस ब्रांड की शराब की ख़ाली बोतलें घटनास्थल पर मिली हैं उसे सरकारी ठेके पर बेचे जाने की अनुमति है. जांच टीम अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है लेकिन यह माना का रहा है कि ठेके से मिलावटी शराब की बिक्री हुई होगी, जिसे पीकर अब तक छह लोगों की मौत हुई है.
रायबरेली शराब कांड में पीड़ित परिवारों से बातचीत करने पहुंचे मंडल कमिश्नर रंजन कुमार ने कहा कि शराब सरकारी ठेके से खरीदकर पी गई थी. शराब कांड के पीछे चुनावी कनेक्शन तो नहीं इसकी भी छानबीन की जा रही है. पीड़ितों की तरफ से एफआईआर दर्ज करके सरकारी ठेके के ठेकेदार की तलाश की जा रही है. शराब ठेके का स्टॉक चेक कराया जा रहा है. कोई भी गड़बड़ी पाए जाने पर आबकारी विभाग और संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.