नई दिल्ली: भारत के खिलाफ चीन हथकंडे अपनाने से बाज नहीं आ रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को इस बात की जानकारी दी है कि एक चीनी निर्माण कंपनी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में अपना कार्यालय स्थापित किया है। साथ ही मुजफ्फराबाद और अथमुकम से सटे क्षेत्रों में हो रहे कार्यों को नियंत्रित कर रही है।
एजेंसियों ने कहा कि चीनी कंपनी मई से पाकिस्तानी सेना के लिए बंकरों का नवीनीकरण और नए निर्माण कर रही है। चीनी कंपनियों ने पहले भी पीओके में निर्माण किया है, लेकिन यह पहली बार है जब एलओसी पर इस तरह की परियोजना शुरू की गई है। आपको बता दें कि यह क्षेत्र पीओके की नीलम घाटी से सटे केल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना 32 डिवीजन के अंतर्गत आता है।
बीजिंग ने पहले अपने जवानों और मशीनों को राजस्थान में बीकानेर के सामने पाकिस्तानी धरती पर भेजा था। यहां एक फॉरवर्ड एयरबेस को अपग्रेड किया गया था और 350 से अधिक स्टोन बंकरों और सीमा चौकियों का नवीनीकरण किया गया था।
आपको बता दें कि पाकिस्तान का करीबी सहयोगी चीन इससे पहले भी कई मौकों पर सुर में सुर मिला चुका है। भारत ने अगले साल जम्मू और कश्मीर में जी-20 नेताओं की बैठक आयोजित करने की योजना बनाई है। भारत के इस कदम को लेकर चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर आपत्ति जताई थी। ड्रैगन ने अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान के स्वर में स्वर मिलाते हुए कहा कि संबंधित पक्षों को मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए।
जम्मू कश्मीर 2023 में जी-20 की बैठकों की मेजबानी करेगा। इस प्रभावशाली समूह में विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने समग्र समन्वय के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति बनाई है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद यहां प्रस्तावित यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठक होगी। पाकिस्तान ने इसका विरोध किया है। पाक का कहना है, ''पाकिस्तान भारत के ऐसे किसी प्रयास को पूरी तरह खारिज करता है।''