जलवायु परिवर्तन में भारत की भूमिका 4.8 फीसदी

Update: 2023-04-03 08:17 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: जलवायु संकट के लिए वैश्विक औसत तापमान में भारत की भूमिका 4.8 फीसदी है. अमेरिका की भागीदारी 17.3 और चीन की12.3 है. नेचर जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वातावरण में कार्बनडाईऑक्साइड, मिथेन, नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसों का उत्सर्जन सर्वाधिक हो रहा है. अर्थव्यवस्था को तेजी देने की कोशिश में ये गैसें दुनिया के तापमान को बढ़ाने का जरिया बन रही हैं.

शोध पत्र के अनुसार औद्योगिक क्रांति के बाद वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी की दिशा में विकसित देशों की भूमिका अहम है. कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर दुनियाभर में काम हो रहा है. इसके बावजूद गैसों के उत्सर्जन व वैश्विक तापमान में वृिद्ध की स्थिति पर कोई खास फर्क नहीं दिख रहा है. विशेषज्ञों का आकलन है कि ये तीन गैसे वातावरण के साथ स्वास्थ्य के लिए भी घातक होंगी.

तीन गैसें बड़ी जिम्मेदार: ब्रिटेन के टिंडल सेंटर फॉर क्लाइमेट रिसर्च और अन्य संगठनों की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार तीन गैसें वातावरण में गर्मी बढ़ाने की बड़ी कारक हैं. अमेरिका ने 2021 तक इन गैसों के उत्सर्जन से तापमान में 0.28, चीन ने 0.20, रुस ने 0.10, ब्राजील ने 0.08 और भारत ने 0.05 डिग्री तक वैश्विक तापमान को बढ़ाया है. इसी तरह जापान, कनाडा व ब्रिटेन वैशविक तापमान में 0.03 से 0.05 डिग्री सेल्सियस तक का योगदान दे रहे हैं

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