दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बना भारत: ज्योतिरादित्य सिंधिया
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नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारत में अगले पांच साल में 200 से अधिक हवाई अड्डे, हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तन होंगे तथा भारतीय विमानन कंपनियां इस अवधि में 1,400 से अधिक अतिरिक्त विमानों का ऑर्डर देंगी। नरेन्द्र मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल में विमानन क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सिंधिया ने कहा कि भारत में 2014 तक 74 हवाई अड्डे (हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तन समेत) थे और अब यह संख्या दोगुनी होकर 148 हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘2013-14 में भारत में छह करोड़ घरेलू हवाई यात्री थे। अब यह संख्या 135 प्रतिशत बढ़कर 14.5 करोड़ हो गई है। इसी तरह इस अवधि में अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 4.7 करोड़ से सात करोड़ हो गई है।'' सिंधिया ने कहा, ‘‘इसके अलावा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों में मालवहन 65 प्रतिशत बढ़ गया है और 22 लाख टन से बढ़कर 36 लाख टन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रगतिशील नीतियों के कारण हम दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन गए हैं।''
उन्होंने कहा कि 2014 में भारतीय विमानन कंपनियों के पास विमानों की संख्या 400 थी जो अब बढ़कर 700 हो गई है और इसमें 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सिंधिया ने कहा, ‘‘एअर इंडिया ने 70 अरब डॉलर में 470 विमानों का ऐतिहासिक ऑर्डर दिया है। यह केवल शुरुआत है। उम्मीद है कि भारतीय विमानन कंपनियां अगले पांच साल में अतिरिक्त 1,200 से 1,400 विमानों का ऑर्डर देंगी।'' नागर विमानन मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जलीय विमानपत्तनों की संख्या 200 से अधिक हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘2014 में केवल तीन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे थे। अब 11 और तैयार हैं तथा 10 और को मंजूरी दे दी गई है। इसी तरह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में 2014 में नौ विमानपत्तन होते थे और संख्या बढ़कर 17 हो गई है।'' सिंधिया ने कहा कि विमानन क्षेत्र में अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश आएगा। उन्होंने कहा, ‘‘2030 तक सालाना घरेलू यात्रियों की संख्या 45 करोड़ हो जाएगी जिसमें मौजूदा आंकड़े से 300 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। छह महानगरों में हवाई अड्डों की वार्षिक संयुक्त क्षमता इस समय 22 करोड़ यात्रियों की है। नवी मुंबई और ग्रेटर नोएडा हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू होने के बाद क्षमता लगभग दोगुनी होकर 41.5 करोड़ हो जाएगी।' '