IAS ऑफिसर ने दिया इस्तीफा, डिप्टी कमिश्नर पर प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

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Update: 2021-06-05 13:09 GMT

कर्नाटक में दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों के बीच की तनातनी सुर्खियों का हिस्सा बनी हुई है. मैसूर शहर की नगर निगम कमिश्नर शिल्पा नाग (Shilpa Nag) ने अपनी सीनियर और जिले की डिप्टी कमिश्नर रोहिणी सिंधुरी (Rohini Sindhuri) पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाते हुए इस्तीफे की घोषणा कर दी. हालांकि सिंधुरी ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपो का खंडन किया और कहा कि उन्होने केवल शहर में इस्तेमाल किए गए 12 करोड़ रुपये के सीएसआर फंड का ब्योरा मांगा था.

सिंधुरी ने कहा, 'हम एक गवर्नमेंट प्रोग्राम 'Vaidyara Nade, Halli Kade' के तहत COVID मैनेजमेंट के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड (CSR Fund) का इस्तेमाल करना चाहते थे. इसलिए मैंने उनसे पूछा कि फंड आखिर कहा गया? मैं जानना चाहती थी कि क्या सीएसआर फंड के पूरे 12 करोड़ रुपये शहर पर खर्च किए गए या नहीं. अगर किए तो इसका इस्तेमाल कैसे किया गया?'

डिप्टी कमिश्नर रोहिणी सिंधुरी ने कहा कि VNHK प्रोग्राम के लिए फंड की जरूरत थी, लेकिन इस फंड से संबंधित डिटेल्स को अभी तक साझा नहीं किया गया है. सिंधुरी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि 1 जुलाई तक मैसूर जिला कोरोना फ्री हो, मैंने ग्राम पंचायत और नगरपालिका के वार्डों से संबंधित कोरोना से जुड़ी जानकारियां मांगी थी. शिल्पा का कहना है कि कोविड महामारी से निपटने के लिए जिस तरह वह काम करना चाहती हैं, उनको नहीं करने दिया जा रहा है. रोहिणी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारा है. उन्होंने IAS अफसर शिल्पा नाग पर आरोप लगाया है कि वह कोविड-19 वॉर्ड से जुड़े ऐसे डेटा दे रही थीं जो 'विरोधाभासी' थे.

सिंधुरी ने कहा कि हमें सही आंकड़ा देने की जरूरत है. यह बिल्कुल सही नहीं है कि एक दिन आप कहते हैं कि 400 संक्रमण के मामले हैं और फिर अगले दिन वहीं मामले 40 हो जाते हैं. इन विसंगतियों को कोविड ​​​​वॉर रूम में नहीं डाला जाना चाहिए. डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि वह पहले ही मुख्य सचिव पी. रवि कुमार के संज्ञान में सभी विवरण ला चुकी है.

मैसूर के क्षेत्रीय कमिश्नर को सरकार का निर्देश

उन्होंने कहा कि हम पहले ही एक प्रेस नोट जारी कर चुके हैं. हमने पूरी बात मुख्य सचिव पी रवि कुमार को बता दी है. सरकार के सूत्रों ने बताया कि रवि कुमार ने कथित तौर पर शिल्पा नाग से सवाल किया कि उन्होंने मामले को उनके संज्ञान में लाए बिना ही कैसे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ली? इस बीच, सरकार ने मैसूर के क्षेत्रीय कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे इस रिपोर्ट की जांच करें, जिसमें दावा किया गया है कि डिप्टी कमिश्नर के आधिकारिक आवास पर 50 लाख रूपये की लागत से एक स्विमिंग पूल और एक व्यायामशाला का निर्माण किया गया है. क्षेत्रीय कमिश्नर से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है.


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