मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी में विभाजन से इनकार किया है। उन्होंने शनिवार को कहा कि यह सच है कि कुछ विधायक पार्टी से चले गए हैं, लेकिन अकेले विधायकों का मतलब पूरी राजनीतिक पार्टी नहीं होता। पवार ने जोर देते हुए कहा कि वह एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और जयंत पाटिल पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं। पार्टी के बागी नेताओं के प्रति नरम रुख को लेकर किए गए सवाल पर पवार ने कहा, 'राकंपा विभाजित नहीं हुई है। यह सच है कि कुछ विधायक चले गए हैं, विधायकों का मतलब राजनीतिक दल नहीं है। बागियों का नाम लेकर उन्हें महत्व क्यों दिया जाए।'
पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष व शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा था कि पार्टी विभाजित नहीं हुई है और अजित पवार उनके नेता बने रहेंगे। इस बयान के बारे में पूछे जाने पर पवार ने शुक्रवार को कहा था, 'हां... इसमें कोई विवाद नहीं है।' लेकिन कुछ घंटों बाद पवार ने कहा था कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। मालूम हो कि अजित पवार और एनसीपी के 8 अन्य विधायक 2 जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए थे।
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने कहा, 'मैं फासीवादी प्रवृत्तियों का विरोध करना जारी रखूंगा। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है।' उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में बैठक होने वाली है। इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ संयुक्त अभियान पर भी चर्चा की जाएगी। शरद पवार ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र में बदलाव देख सकता हूं। जनता उन लोगों से निराश है जो भाजपा के साथ गए। मुझे विश्वास है कि लोग चुनावों में सही जनादेश देंगे और बीजेपी को उसकी सही जगह दिखाएंगे।'
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर पवार ने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया जाना चाहिए।' NCP चीफ ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता सरकार किसान विरोधी है। पवार ने ऐतिहासिक दशहरा चौक पर एक विशाल सार्वजनिक रैली 'निर्धार सभा' (संकल्प रैली) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की स्थिति खराब हो गई है क्योंकि राज्य की मौजूदा सरकार किसानों के कई मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। इसमें उनके उत्पादों के लिए दरों की गारंटी नहीं देना भी शामिल है।