हैदराबाद: ईंधन बचाने के लिए टेक्नीशियन ने तैयार किया 'माइलेज बूस्टर'
हैदराबाद के एक टेक्नीशियन ने गाड़ियों के लिए एक माइलेज बूस्टर) तैयार किया है. इसका उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंटको कम करना है, जो ईंधन बचाने में मदद करता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हैदराबाद के एक टेक्नीशियन ने गाड़ियों के लिए एक माइलेज बूस्टर (Mileage Booster) तैयार किया है. इसका उद्देश्य कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Footprint) को कम करना है, जो ईंधन बचाने में मदद करता है. डेविड एशकोल, चीफ टेक्नोलॉजिस्ट और 5M माइलेज बूस्ट के डेवलपर, इनोवेशन के क्षेत्र में काफी समय से हैं. खासतौर पर कार्बन इमिशन को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए उन्होंने 5M माइलेज बूस्ट विकसित किया. '
5M' माइलेज बूस्टर नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये बूस्टर 5 चीजों में लाभ दायक होगा. एशकोल के अनुसार, यह बूस्टर प्रति लीटर ईंधन में अधिक माइलेज, गाड़ियों के लिए अधिक पिकअप, ड्राइविंग में अधिक रफ्तार, अधिक टॉर्क और थ्रस्ट और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अधिक प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) में मदद करता है.
ऐसे काम करेगा 5M माइलेज बूस्टर
एशकोल ने कहा, "यह 5M माइलेज बूस्टर एक इनोवेशन है जो इंजन को खोले बिना ही वाहन के इंजन पर लगाया जाता है. 5M माइलेज बूस्ट की विकसित मशीन इनटेक मैनिफोल्ड के माध्यम से वाहन के इंजन से जुड़ी होती है. अल्ट्रासोनिक तरंगें और गैसीय प्लाज्मा को इंजन के सीसी के आधार पर कुछ समय के लिए इंजन में भेजा जाता है.उन्होंने कहा कि माइलेज बूस्टर 2014 में विकसित किया गया था और 2008 से वह एक ऐसी मशीन पर काम कर रहे हैं जो न केवल वाहन का माइलेज बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि कार्बन इमिशन को यथासंभव कम करके पर्यावरण में भी योगदान देती है.
एशकोल ने आगे जानकारी देते हुए कहा अब तक वह दोपहिया, चार पहिया वाहनों और कुछ मामलों में ट्रकों और बसों सहित लगभग 8,000 वाहनों के इंजन को बढ़ाने में सक्षम है. इस बूस्टर का उपयोग 100 सीसी से 10,000 सीसी के बीच के किसी भी वाहन को चलाने के लिए किया जाता है.
प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "सामान्य तौर पर, जब कोई वाहन किसी भी ईंधन के रूप में 100 यूनिट ऊर्जा लेता है, तो पहियों को चलने के लिए केवल 12.6 यूनिट ऊर्जा दी जाती है. एशकोल ने आगे कहा कि वह आगे आने और इस तकनीक का उपयोग करने के लिए एक स्थापित ऑटोमोबाइल इकाई की तलाश कर रहे हैं जो उन्हें अपने गाड़ियों के लिए कम कार्बन इमिशन के साथ-साथ माइलेज को बढ़ाने में भी मदद करेगा.