HP: यूनियन ने रामपुर, बायल-झाकड़ी में किया धरना प्रदर्शन

Update: 2024-08-10 12:09 GMT
Rampur Bushahr. रामपुर बुशहर। यूनियनों ने शुक्रवार को रामपुर, बायल और झाकड़ी में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सिटू जिला सचिव अमित ने कहा कि नौ अगस्त का दिन ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए भारत के संघर्ष में एक अनूठा ऐतिहासिक महत्व रखता है। आज हम भारत छोड़ो दिवस को मजदूर-किसान-जन- विरोधी केंद्रीय बजट के खिलाफ विरोध दिवस के रूप में मना रहे है। आज देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है, जिसका सबसे ज्यादा असर युवाओं पर पड़ रहा है। खाद्य पदार्थों की कीमतें लगातार बढ़ रही है, बता दें कि एनडीए सरकार द्वारा संसद में पेश किए बजट न तो किसानों और न ही कृषि मजदूरों के हित में है, बल्कि पूरी तरह से मजदूरों और आम जनता के खिलाफ है। बजट में मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है, जिसमें से 2024-25 में 42,000 करोड़ रुपए पहले ही खर्च हो चुके हैं। इससे शेष आठ महीनों के लिए केवल 44,000 करोड़ रुपए बचते हैं, जो भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की असंवेदनशीलता और ग्रामीण संकट और पलायन में संभावित वृद्धि को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त कृषि और उर्वरकों के लिए आवंटन में 2022-23 की तुलना में क्रमश 24.7 प्रतिशत और 34.7
प्रतिशत गिरावट आई है।

जिससे कृषि उत्पादकता को नुकसान पहुंचने की संभावना है। खाद्य सुरक्षा आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में 2.72 लाख करोड़ रुपये से घटकर 2.05 लाख करोड़ रुपये रह गया है। वित्त मंत्री ने एंप्लाइमेंट लिंक्ड इन्सेंटिव योजनाओं के एक पूरे सेट की घोषणा की है। इसमें सबसे नुकसानदेह तथ्य यह है कि कंपनियों को इस योजना का लाभ हासिल करने के लिए हर वर्ष नए कर्मचारी भर्ती करने होंगे। दूसरा झटका है-इंटर्नशिप नीति, जिसमें सरकार ने अपराधपूर्ण ढंग से 500 सबसे ज्यादा मुनाफा कमानेवाली कंपनियों को इंटर्न/एप्रेंटिसों (प्रशिक्षुओं) से है। सरकार प्रति माह 5,000 रुपए के स्टाइपंड और 6,000 रुपए की एकमुश्त मदद का बोझ उठाएगी। प्रदर्शन में सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, उपाध्यक्ष रणजीत और सचिव अमित, दिनेश मेहता, नीलदत्त, आनंद मेहता, संजीव, कामराज, गुरदास, सूरम लाल वांशटू, सुनील जीसटू, राजपाल, मोहर सिंह ब्रिकम, मेहर सिंह, भूवनेश, मंजीत, ललिता, उर्मिला, मंजू, ललिता, फुलवती, मोहर मुनि, कर्म चंद, प्रमोद, आदि शामिल रहे। सतलुज जल विधुत परियोजना के 382 मेगावाट के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों का धरना प्रदर्शन जारी है, वहीं किसानों द्वारा एक कदम आगे बढ़ाते हुए इस मुददे को मुख्यमंत्री के दरबार तक पंहुचा दिया है। पिछले चार दिनों से परियोजना की 11 पंचायतो के जनप्रतिनिधि दिन रात धरने पर बैठे हैं।
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