Shimla. शिमला। पीएमजीएसवाई के बाद पीडब्ल्यूडी को नए साल में नाबार्ड से तोहफा मिल सकता है। साल की शुरुआत में 309 करोड़ 93 लाख रुपए की मदद मिलने की संभावना है। यह मदद 31 प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाली है। पीडब्ल्यूडी ने इन प्रोजेक्ट को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मंजूरी के लिए भेजा है। इन प्रोजेक्ट के मंजूर होते ही मौजूदा वित्तीय वर्ष में पीडब्ल्यूडी की झोली में नाबार्ड से 600 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट आ जाएंगे। नाबार्ड ने पहले चरण में पीडब्ल्यूडी के 35 प्रोजेक्टों को मंजूरी दी है। इन प्रोजेक्ट की लागत 295 करोड़ 65 लाख रुपए है, जबकि इसके बाद दो चरणों में 31 प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें पहली खेप 18 प्रोजेक्ट की है और इसका कुल बजट 188 करोड़ 93 लाख रुपए है, जबकि दूसरी खेप में सडक़ों के 13 प्रोजेक्ट भेजे गए हैं और इसका कुल बजट 121 करोड़ रुपए निर्धारित किया है।
इन प्रोजेक्ट को मंजूरी के साथ ही ग्रामीण इलाकों में 31 नई सडक़ों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। खास बात यह है कि पीडब्ल्यूडी ने इन सभी प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है, जबकि इसके बाद पोर्टल पर अपलोड की गई दो रिपोर्ट को नाबार्ड ने स्वीकार नहीं किया है। नाबार्ड से मंजूरी नहीं मिली, तो इस साल राज्य के हिस्से नाबार्ड के खाते से एक ही प्रोजेक्ट दर्ज होगा। गौरतलब है कि नाबार्ड ने पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों के लिए अब ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा उपलब्ध करवा दी है और विभाग अपने-अपने क्षेत्र में सडक़ों का चयन करने के बाद इन पोर्टल के माध्यम से ही आवेदन भेजते हैं। नाबार्ड से प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन (एडीएस) के लिए भेजा जाता है। इस प्रक्रिया के लिए नाबार्ड ने 30 दिन की मोहलत तय कर रखी है। एडीएस की फाइल संबंधित विभाग के मंत्री के पास जाती है। अब ऐसे में जनवरी में नाबार्ड के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलती है, तो इनका काम मार्च तक शुरू हो जाएगा।