Nahan. नाहन। जिला सिरमौर के प्रमुख आस्था के धार्मिक व पर्यटन स्थल को जोडऩे वाली सडक़ों की खस्ताहाल से पर्यटन व स्थानीय रोजगार को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। जिला सिरमौर की प्रमुख धार्मिक स्थल श्रीरेणुकाजी व शक्तिपीठ माता भंगायणी हरिपुरधार का एमडीआर सडक़ मार्ग वर्तमान में भी सिंगल वे व खस्ताहाल है। जबकि प्रतिवर्ष दोनों धार्मिक स्थलों में हजारों लाखों लोग दर्शनार्थ यहां पहुंचते हैं। जिला मुख्यालय नाहन से श्रीरेणुकाजी का 38 किलोमीटर का मार्ग जहां दोसडक़ा से रेणुकाजी तक 70 वर्षों से सिंगल वे है। वहीं रेणुकाजी से हरिपूरधार सडक़ मार्ग सिंगल वे के साथ खतरनाक मोड़ के साथ अधिकतर स्थानों पर बिना बैरिकेटिंग के है। बता देंं कि बाहरी राज्यों से पर्यटक व श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे हैं। वहीं लगातार इनकी संख्या बढ़ रही है इसके बावजूद एमडीआर मार्ग सडक़ मार्ग को डबललेन करने अथवा नेशनल हाई-वे स्तर का बनाने की कोई भी योजना तैयार नहीं है।
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान जिला सिरमौर के नौ सडक़ मार्ग को नेशनल हाई-वे घोषित करने केंद्रीय सडक़, परिवहन, उच्च राजमार्ग मंत्रालय द्वारा की गई। वहीं जिसके बाद यहां पर अलाइनमेंट सर्वे का कार्य भी हुआ, मगर उसके बाद जिला के प्रस्तावित नेशनल हाई-वे की फाइल ही अब बंद हो गई है। वहीं क्षेत्र में रोजगार को भी पंख लगेंगे। बता दें कि जिला के रेणुकाजी जहां अंतरराष्ट्रीय वैटलेंड में अंकित है, गौर हो कि रेणुकाजी-हरिपुरधार मार्ग कई स्थानों पर खतरनाक स्थिति में है। दिल्ली के पर्यटक अभिषेक, देहरादून के विक्रम सिंह, पंजाब के हरदीप सिंह व परनीत कौर इत्यादि ने बताया कि रेणुकाजी व हरिपुरधार दोनों ही स्थल प्रदेश के अन्य पर्यटन व धार्मिक स्थलों की तरह ही रमणीक हैं, मगर यहां पर हरिपुरधार मार्ग पर वाहन चलाते हुए भी डर लगता है। बता दें कि रेणुकाजी-हरिपुरधार मार्ग पर धनोई के पास जहां अब तक कई दर्जन सडक़ दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें दर्जनों लोग असमय मौत का शिकार हो चुके हैं। वहीं तमाम प्रयासों के बाद भी उक्त मार्ग की सुध नहीं ली जा रही है। क्षेत्रवासियों की मांग है कि कि रेणुकाजी- हरिपुरधार मार्ग को डबल लेन अथवा नेशनल हाई-वे के स्तर का बनाया जाए।