Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश के 23 बोर्ड व निगमों के वित्तीय हालातों को जानने के बाद सरकार मंगलवार को उनके विलय पर बड़ा फैसला ले सकती है। मंगलवार को मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर विभागीय सचिवों को बुलाया है, जो मुख्य सचिव के साथ इस बैठक में मौजूद रहेंगे। वेे बताएंगे कि कौन सा निगम या बोर्ड किस तरह की स्थिति में है और दूसरे किस निगम या बोर्ड के साथ उसका समायोजन हो सकता है। हालांकि यह मामला कई सालों से चल रहा है और पिछले साल सुक्खू सरकार ने एक फैसला एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन को एचपीएमसी के साथ समायोजित करने का लिया था, परंतु उस पर अभी तक कुछ नहीं हो पाया है, क्योंकि इसकी प्रक्रिया काफी लंबी है। प्रदेश में बोर्ड व निगम कई सालों से चल रहे हैं और इनकी अपनी-अपनी व्यवस्थाएं हैं। परंतु इनमें से अधिकांश कंपनी एक्ट के तहत पंजीकृत हैं और कंपनी एक्ट के तहत जिनका भी पंजीकरण है, उनका समायोजन करना आसान नहीं है। इससे पहले प्रदेश में नाहन फाउंडरी और स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन का समायोजन हो चुका है, क्योंकि नाहन फाउंडरी एक तरह से बंद ही हो गई थी। इसे भी एसआईडीसी में मिलाना उतना आसान नहीं रहा।
इसी तरह से सरकार चाहती है कि जो निगम या बोर्ड एक जैसा काम कर रहे हैं और घाटे में हैं, उनको एक-दूसरे के साथ मिलाकर उनका काम बढ़ाया जाए। उनको किस तरह से फायदे में ला सकते हैं, इस पर भी विचार हो रहा है। मंगलवार को होने वाली बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा होगी और विभागीय सचिवों से पूछा जाएगा कि इनको फायदे में लाने के लिए आखिर क्या किया जा सकता है। सभी तरह की संभावनाओं पर विचार करने के बाद कुछ बड़े निर्णय इस बैठक में हो सकते हैं। वित्त विभाग ने वैसे सभी के आंकड़े जुटा लिए हैं और वित्त विभाग भी सीएम के सामने इस संबंध में अपनी प्रेजेंटेशन देगा। वित्त विभाग की राय इस बैठक में काफी महत्त्वपूर्ण रहेगी, जिसने सभी के कामकाज की समीक्षा की है। प्रदेश में सालों से 23 बोर्ड व निगम चल रहे हैं। इनमें से कइयों में तो कर्मचारियों को वेतन के भी लाले पड़ गए हैं, दूसरे वित्तीय लाभ मिलना तो दूर की बात है। कुछेक निगम अच्छा काम भी कर रहे हैं और अपनी आमदनी को हर साल बढ़ा रहे हैं।