HP: प्राकृतिक खेती बनी मददगार, 65 मिट्रिक टन फसल तैयार

Update: 2024-10-21 10:37 GMT
Mandi. मंडी। प्रदेश के किसानों की जी तोड़ मेहनत और राज्य सरकार से मिलने वाले प्रोत्साहन से राज्य में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है। दिन-प्रतिदिन प्रदेश के लोग प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ रहे हैं और इसे व्यापक स्तर पर अपना भी रहे हैं। इसके सार्थक परिणाम भी अब मिलने लगे हैं। प्राकृतिक खेती से जुड़े किसान मंडी जिला में अब इस विधि से मक्की व अन्य फसलें उगा रहे हैं। प्राकृतिक विधि से किसानों द्वारा उगाई जाने वाली मक्की की खरीद सीधे राज्य सरकार द्वारा की जानी है। इसके लिए सरकार ने मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपए घोषित किया है। आत्मा परियोजना के तहत लगभग 431 किसानों को चिन्हित किया है। सरकार द्वारा मंडी जिला के किसानों से लगभग 65 मीट्रिक टन मक्की
खरीदी जानी है।


इसमें जिला के विभिन्न खंडों के तहत करसोग में 49 किसानों से पांच मीट्रिक टन, चुराग में 50 किसानों से 4.78 मीट्रिक टन, सराज ब्लॉक में 38 किसानों 5.23 मीट्रिक टन, गोहर में 64 किसानों से 8.15 मीट्रिक टन, सदर में 11 किसानों से 1.65 मीट्रिक टन, बालीचौकी में 29 किसानों से 6.45 मीट्रिक टन, द्रंग में 13 किसानों से 0.915 मीट्रिक टन, चौंतड़ा में 6 किसानों से 0.7 मीट्रिक टन, सुंदरनगर में 46 किसानों से 12 मीट्रिक टन, बल्ह में आठ किसानों से 5.3 मीट्रिक टन, धनोटू में 46 किसानों से 7.05 मीट्रिक टन, गोपालपुर में 39 किसानों से 3.18 एमटी, धर्मपुर में 15 किसानों से 1.585 मीट्रिक टन और निहरी में 17 किसानों से 3.45 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की जानी है। इसके लिए जिला में चार स्थानों करसोग के चुराग, चैलचौक, सुंदरनगर और मंडी में प्राकृतिक खेती से उगाई मक्की खरीद केंद्र बनाए हैं।
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