HP: SC में कल बीबीएमबी-18 को JSW कंपनी का केस

Update: 2024-11-12 10:03 GMT
Shimla. शिमला। जोगिंद्रनगर के शानन बिजली प्रोजेक्ट के बाद अब बीबीएमबी एरियर और फ्री पावर की रॉयल्टी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो बड़े केस इसी महीने लगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में 13 नवंबर को बीबीएमबी एरियर और 18 को जेएसडब्ल्यू का केस लगा हुआ है। बीबीएमबी से राज्य को 1300 करोड़ यूनिट फ्री बिजली मिलने हैं, तो जेएसडब्ल्यू कंपनी 18 फीसदी रॉयल्टी न देने पर हाई कोर्ट से केस जीत चुकी है। इसलिए दोनों मामले महत्त्वपूर्ण हैं। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से मिलने वाले 4000 करोड़ से ज्यादा के एरियर को लेकर हिमाचल का केस काफी मजबूत है। सुप्रीम कोर्ट में 11 सितंबर को इस मामले की सुनवाई हुई थी। तब अटॉर्नी जनरल ने हिमाचल के हित में पक्ष रखा था। सुप्रीम कोर्ट की नई खंडपीठ के सामने हिमाचल की दो बातों पर
सहमति हो गई है।


पंजाब और हरियाणा को एरियर के तौर पर 1300 करोड़ यूनिट बिजली चुकानी है और इसका भुगतान 15 साल में होना है। मुख्यमंत्री के ऊर्जा सलाहकार रामसुभग सिंह अटॉर्नी जनरल और भारत सरकार से संपर्क में हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की शिमला दौरे के दौरान भी इस मामले में मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनसे ने बात की थी। बीबीएमबी एरियर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल के पक्ष में डिक्री जारी कर रखी है, लेकिन इसे 13 साल से इंप्लीमेंट नहीं किया जा सका है। 2011 के बाद हिमाचल को बढ़ी हुई हिस्सेदारी पर बिजली मिलना शुरू हो गई है, लेकिन 1966 से भाखड़ा डैम, 1977 से डैहर परियोजना और 1978 से पौंग डैम प्रोजेक्ट से एरियर अब भी बकाया है। पंजाब और हरियाणा इस एरियर का भुगतान नकद करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन एरियर की बिजली चुकाने को तैयार हैं। इस तरह से कुल 1300 करोड़ यूनिट बिजली हिमाचल को मिलेगी। सरकार के लिए बीबीएमबी का एरियर एक बड़ी मदद साबित हो सकता है।
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