Ghumarwin. घुमारवीं। सूखी सर्दियां और बारिश की किल्लत से घुमारवीं की सीर खड्ड का जल स्तर 50 प्रतिशत घट गया है। खड्ड में जल प्रवाह लगभग समाप्त हो गया है। बारिश न होने के कारण खड्डों में बहने वाली जलधारा दिन-प्रतिदिन सूख रही है। सूखे की मार के कारण जलस्तर कम होने से गर्मियों के मौसम से पहले ही यहां पर पानी का संकट गहरा सकता है। यदि कुछ दिनों में उम्मीद के अनुरूप बारिश न हुई तो लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। अधिकांश पेयजल योजनाएं खड्डों पर आश्रित होने के कारण लोगों को अभी से पानी की किल्लत की चिंताएं सताने लग गई है। पानी की किल्लत से बचाव के लिए जल शक्ति विभाग तैयारियों में जुट गया है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का दावा है कि घुमारवीं उपमंडल में अभी तक पानी की किल्लत नहीं है। लेकिन यदि फिर भी यहां पर कुछ दिन और बारिश नहीं होती है तो पानी की समस्या हो सकती है।
प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से बारिश नहीं हुई है और जो बारिश अभी हुई वह भी जरूरत के हिसाब से नहीं है। इससे सूखे जैसे हालात बन गये हैं। बारिश न होने के कारण खड्डों दिसम्बर माह में ही कम हो गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो बारिश न होने के कारण खड्डों का करीब 50 फीसदी जल स्तर घटा है। यदि कुछ दिन यहां पर तेज़ बारिश नहीं होतीए तो सूखे की मार के कारण लगातार घटते जा रहे जलस्तर के कारण यहां पर पानी की किल्लत गहरा सकती है। बताते चलें कि घुमारवीं की अधिकांश पेयजल योजनाएं यहां से गुजरने वाली सीर खड्ड पर आश्रित हैं। घुमारवीं की लगभग 28 पेयजल योजनाएं सीर खड्ड पर तथा 4 पेयजल योजनाएं शुक्र खड्ड पर आधारित हैं। जिनसे यहां की लाखों की आबादी अपनी प्यास बुझाती है। कई सिंचाई योजनाएं भी इन खड्डों पर निर्धारित हैं। पिछले कई महीने से बारिश न होने के कारण खड्डों के जल स्तर दिनों-दिन तेजी से घटता जा रहा हैै। जल स्तर में गिरावट से न केवल पीने के पानी की कमी हो जाएगीए बल्कि सिंचाई के लिए पानी कम हो जाएगा।