HP: सरकारी जमीन पर निर्माण गिराने को मुआवजा

Update: 2024-09-30 11:21 GMT
Market. मंडी। सरकारी जमीन पर हुए निमार्ण को गिराने का वल्र्ड बैंक मुआवजा दे रहा है जबकि एनएचएआई के हाथ खड़े हैं। मंडी रिवालसर कलखर सडक़ का विस्तारीकरण हो रहा है। यह सडक़ वल्र्ड बैंक द्वारा बनाई जा रही है। इस दौरान मंडी से कलखर तक सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को गिराया गया है। लेकिन इसके बदले इन लोगों को वल्र्ड बैंक द्वारा कंस्ट्रशन का मुआवजा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर एनएचएआई द्वारा कीरतपुर मनाली फ ोरलेन और अन्य राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्रदेश में बनाए जा रहे हैं, उन के निर्माण कार्य में मुआवजा राशि देने में प्रभावितों के साथ भारी भेद भाव किया जा रहा है। प्रदेश में एनएचएआई उन लोगों को मुआवजा नहीं दे रही है, जिन के मकान या दुकानें सरकारी भूमि में बनी हैं। न ही कोइ लॉस ऑफ अर्निंग का मुआवजा
दिया गया है।



शुरू में कुछ लोगों को भवनों का मुआवजा तो दिया गया, लेकिन बाद में इसे भी बंद कर दिया गया। पहले यदि आधा मकान या दुकान सडक़ निर्माण की जद में आती थी, तो मुआवजा पूरी ईमारत का दिया जाता था। लेकिन बाद में वह भी बंद कर दिया गया, जो कि लोगों के साथ अन्याय है, जिसका भूमि अधिग्रहण प्रभावित मंच ने विरोध जताया है। मंच का कहना है कि मंडी रिवालसर कलखर सडक़ का विस्तारीकरण के दौरान अवैध कब्जों पर जेसीबी चलाई गई। लेकिन अच्छी बात यह है कि जिन लोगों के भवन या दुकानें गिराए जा रहे हैं, उन को उसका मुआवजा दिया जा रहा है। यह प्राकृतिक नियमों के अनुरूप है और हिमाचल प्रदेश भूमि अधिग्रहण मंच इस का स्वागत करता है, लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि एक ही राज्य में एक ही काम के लिए दो कानून काम कर रहे हैं। वल्र्ड बैंक का मंडी रिवालसर कलखर सडक़ प्रोजेक्ट को देख रहे सहायक अभियंता टशी ज्ञानछो ने बताया कि सौलीखड्ड से कलखल तक 96 परिवारों को कंस्ट्रक्शन का मुआवजा दिया जा चुका है।
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