Holi. होली। तहसील मुख्यालय स्थित सीएचसी होली इन दिनों इकलौते चिकित्सक के सहारे चल रही है। सीएचसी में तैनात चिकित्सक को ही पर्ची बनाने से लेकर मरीजों की जांच कर आवश्यक चिकित्सीय परामर्श देना पड़ रहा है। सीएचसी में स्वीकृत चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के शेष पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके चलते सरकार की ओर से लोगों को घर-द्वार पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देने की कवायद पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय की बारह पंचायतों की हजारों की आबादी की सहूलयित हेतु खोली गई सीएचसी होली में चिकित्सकों के चार, स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट के दो-दो और चीफ फार्मासिस्ट का एक पद स्वीकृत है। मगर वर्तमान में होली में चिकित्सकों के तीन और स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट के दो-दो और चीफ फार्मासिस्ट का एक पद स्वीकृत है।
सीएचसी में रेगुलर स्टाफ के नाम पर एक चिकित्सक और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात है। लेब टेक्नीशियन का पद आउटसोर्स के जरिए भरा गया है। सीएचसी में चिकित्सीय स्टाफ के नाम पर तैनात इकलौते चिकित्सक को ही पर्ची बनाने से लेकर मरीजों की जांच तक का जिम्मा संभालना पड़ रहा है। इसके अलावा रात्रि पहर आपातकाल में भी इसी चिकित्सक को सेवाएं देनी पड़ रही है। सीएचसी में स्टाफ की कमी से लडख़डाई व्यवस्था ने मरीजों की मुश्किलों को दोगुना करके रख दिया है। ग्रामीण मेश, रवि, सचिन, चरणजीत, अशोक, पंकज व अंकू का कहना है कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर बारह पंचायतों के हजारों लोगों का स्वास्थ्य टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि सीएचसी की यह हालत प्रदेश की सुक्खु सरकार का एक व्यवस्था परिवर्तन है क्योंकि पहले यहां चार चिकित्सक और पूरा स्टाफ हुआ करता था,। मगर पिछले दो वर्षो से सीएचसी स्टाफ की कमी से जूझ रही है।उन्होंने सीएचसी में जल्द रिक्त पदों को न भरे जाने की सूरत में आंदोलन की राह अपनाते हुए सडकों पर उतरने की दो टूक सुना डाली है।