HP: प्रदेश में डेढ़ साल में अवैध रूप से काटे गए 4476 पेड़

Update: 2024-09-09 10:02 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल प्रदेश में अवैध वन कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा है। डेढ़ साल में प्रदेश में 2123 अवैध पेड़ कटान के मामले सामने आए हैं। हैरानी की बात है कि सरकार अवैध वन कटान पर लगाम के लिए कई प्रयास कर रही है, मगर इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सका है। अहम है कि इन पेड़ कटान के मामलों में 4476 पेड़ काट डाले गए और सबसे अधिक अवैध पेड़ कटान मंडी जिला में हुआ है। मंडी जिला में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल बरसात के दिनों में भी मंडी जिला में अवैध पेड़ कटान के मामले छाए रहे थे और इसके वीडियो भी वायरल हुए।

बिलासपुर जिला में 185 मामले सामने आए हैं, जिसमें 363 पेड़ अवैध रूप से काटे गए हैं। इस लकड़ी का बाजारी मूल्य 20 लाख 56 हजार 792 बताया जा रहा है। इसी तरह से चंबा में भी अवैध कटान हुआ जहां पर 139 मामले सामने आए हैं। इसमें 242 पेड़ अवैध रूप से काटे गए बताए जा रहे हैं, जिनका मूल्य 91 लाख 66 हजार 876 है। इसी तरह से कांगड़ा में 307 अवैध कटान के मामले पेश आए, जिसमें 755 पेड़ काटे गए हैं। इनका मूल्य 90 लाख 10 हजार 249 आंका गया है। हमीरपुर में भी अवैध वन कटान हुआ है, जहां पर 134 मामले सामने आए,
जिसमें 276 पेड़ काटे गए हैं।

इसी तरह से कुल्लू में 288 अवैध पेड़ कटान के मामले हुए हैं, जिसमें 415 पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई है। सबसे ज्यादा मामले मंडी जिला के हैं, जो कि 510 बताए जा रहे हैं। यहां कुल 840 पेड़ काटे गए हैं, जिनकी कीमत एक करोड़ 53 लाख 57 हजार 361 रुपए बताई जा रही है। सिरमौर जिला में 115 अवैध पेड़ कटान के मामले डेढ़ साल में सामने आए, जिसमें 258 पेड़ों की बलि चढ़ी है। किन्नौर की बात करें तो यहां पर 40 मामले सामने आए, जिसमें 82 पेड़ काट डाले गए। इसी तरह से सोलन जिला में भी इस तरह का कटान हुआ है। यहां पर 178 मामले सामने आए हैं, जिसमें 559 पेड़ काटे गए।

शिमला जिला में डेढ़ साल की अवधि में 209 ऐसे मामले सामने आए हैं। यहां कुल 601 पेड़ इस तरह से काटे गए हैं, जिनकी कीमत तीन करोड़ 58 लाख 37 हजार 848 बनती है। ऊना में 18 मामलों में 85 पेड़ों की बलि दी गई है। लाहुल स्पीति में पेड़ कटान का ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। इस तरह डेढ़ साल की अवधि में पहली जनवरी, 2023 से लेकर 31 जुलाई, 2024 तक प्रदेश में कुल 2123 मामले अवैध पेड़ कटान के सामने आ चुके हैं। 1607 मामले कपाउंड किए जा चुके हैं और 229 में पुलिस में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सभी मामलों में जो जुर्माना वसूल किया है वो 2 करोड़ 72 लाख 19 हजार 912 का बनता है। इनमें 32 मामले अभी अदालत में चल रहे हैं और 255 मामले प्रक्रियाधीन है।
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