प्राइमरी स्कूलों की अंडर-12 खेलें स्थगित होने से रहेंगे वंचित

Update: 2024-09-09 11:58 GMT
Una. ऊना। प्रदेश सरकार द्वारा अंडर-12 प्राथमिक स्कूलों की खेलकूद प्रतियोगिता स्थगित करने से जिला ऊना के 500 प्राइमरी स्कूलों के बच्चे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पाएंगे। खेलकूद प्रतियोगिता नहीं होने से जिला भर के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे करीब 21 हजार बच्चे मायूस हुए है। वहीं सरकार के इस निर्णय से शिक्षक वर्ग व अभिभावकों में भी रोष व्याप्त है। तीन दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने प्राइमरी स्कूलों की खेलकूद प्रतियोगिताएं स्थगित कर दी है। खेलकूद प्रतियोगिता नहीं होने से बच्चे कहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें। बैसे तो सरकार व प्रदेश के लोग खिलाडिय़ों से ओलंपिक व अन्य खेलों में मैडल लाने की उम्मीद रखते है। क्या बच्चों को खेलों से दूर कर खिलाड़ी तैयार किए जा सकेंगे? खेलों में भाग लिए बिना बच्चे कैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय खिलाड़ी बन देश का नाम रोशन कर पाएंगे। यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। बहरहाल सरकार के उक्त निर्णय से
हर कोई हैरान है।

सरकार ने अगर अंडर-12 प्राइमरी स्कूलों की खेलों स्थगित किया है। इन खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ी बच्चे ही आगे जाकर अंडर-14 व अंडर-16 में भाग लेते है। अगर नींव ही कमजोर होगी तो बच्चे कैसे आगे जाकर खेलों में भाग ले पाएंगे। जिला ऊना में 500 के करीब प्राथमिक पाठशालाएं हैं। जिसमें 21 हजार बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। स्कूलों में सरकार द्वारा मिड-डे-मील सहित अन्य सुविधाएं भी दी गई है। प्राथमिक स्कूलों में पिछले 30 वर्षो से लगातार खेलों का आयोजन किया जाता रहा है। पहली बार ऐसा देखने को मिला कि शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश भर के सभी प्राइमरी उपशिक्षा निदेशकों को निर्देश जारी किए है, जिसमें प्रदेश, जिला व खंड स्तर पर आयोजित होने वाली अंडर-12 खेलकूद प्रतियोगिताओं को आगामी निर्देशों तक स्थगित कर दिया है। प्राथमिक स्कूलों की खेलकूद प्रतियोगिता के लिए स्कूल प्रबंधकों द्वारा कई दिनों से तैयारियां शुरु कर दी थी। वहीं खंड व जिला स्तर पर खेलकूद कमेटियों का गठन भी हो गया है। अब सरकार ने खेलों को रदद कर दिया है। अगर बच्चें बाल्याकाल में नहीं खेलेंगे तो कल सीनियर स्तर पर जाकर बच्चे कब खेल पाएंगे। खेलों के बिना कैसे बच्चे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनेंगे।
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