Himachal की कम आबादी ने रोके अमृत प्रोजेक्ट के कदम

Update: 2024-08-01 10:18 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल में 258 करोड़ के अमृत मिशन प्रोजेक्ट से तीन जिला छिटक गए हैं। इनमें घनी आबादी वाला बिलासपुर जिला भी शामिल है। बिलासपुर में इस प्रोजेक्ट को लेकर घुमारवीं में योजना बनाई गई थी लेकिन प्रोजेक्ट का खर्च 50 करोड़ से ज्यादा बनने की वजह से इसे टाल दिया गया। अमृत प्रोजेक्ट में शहरी इलाकों को 24 घंटे पानी की सप्लाई देने का प्रयास केंद्र सरकार कर रही है। इस परियोजना के तहत आबादी के हिसाब से शहरी निकायों का चयन किया गया है। हिमाचल में शहरी आबादी करीब अढ़ाई लाख आंकी गई है और यही वजह है, जो केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए 258 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। साथ ही एक प्रोजेक्ट के लिए अधिकतम खर्च की सीमा 50 करोड़ तय की गई है। इससे अधिक का बजट बनता है, तो अमृत प्रोजेक्ट में उसे मंजूरी नहीं मिलेगी। इस समय प्रदेश में कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, ऊना, शिमला, सोलन और सिरमौर के 17 शहरों में अमृत मिशन के तहत प्रोजेक्ट चल रहे हैं। लाहुल-स्पीति और किन्नौर को कम आबादी और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से इस मिशन में
शामिल नहीं किया गया है।

बिलासपुर में प्रोजेक्ट परियोजना के तहत तय नियमों पर खरा नहीं उतर पाने की वजह से शुरू नहीं हो पाया। इस संबंध में मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से चंडीगढ़ में मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट से आबादी की शर्त को हटाने का आह्वान किया है। प्रदेश में फिलहाल 43 शहर अभी ऐसे बचे हैं। अमृत परियोजना के नोडल अधिकारी राकेश पराशर ने बताया कि केंद्र सरकार से आबादी की जगह जरूरत के हिसाब से मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा गया है। हिमाचल में आबादी कम है इसलिए इस प्रोजेक्ट के तहत ज्यादा बजट मंजूर नहीं हो पा रहा है। राज्य की शहरी आबादी देश के एक शहर से कम हैं। हिमाचल को जितना बजट पूरे राज्य के लिए मिला है उतना देश के एक-एक शहर को मिल गया है। ऐसे में जनसंख्या के आधार को बदलने की जरूरत है, ताकि हिमाचल में बजट बढ़ सके। जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता जोगिंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अमृत प्रोजेक्ट में हिमाचल के शहरों को 24 घंटे स्वच्छ पानी की सप्लाई होगी। इसके लिए केंद्र सरकार बजट खर्च कर रही है और राज्य से योजनाएं प्रस्तावित की जा रही हैं। हिमाचल में प्रोजेक्ट को लेकर 258 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। जल शक्ति विभाग इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने पर काम कर रहा है।
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