Himachal: बारिश के इंतजार में हैं जमींदार

Update: 2024-06-28 11:21 GMT
Una. ऊना। खराब मौसम के चलते गुरुवार की सुबह हुई बारिश से तपती लू व भयंकर गर्मी से लोगों को राहत तो मिल गई, लेकिन फसलों की जरूरत के हिसाब से बारिश नहीं हुई। गैर सिंचित क्षेत्रों में मक्की की पछेती फसल की बिजाई के लिए अभी किसान भी तैयार नहीं है। विभाग के अनुसार जिला ऊना में किसान मक्की की फसल की बिजाई के लिए अभी रूक जाएं। अगर एक अच्छी बारिश होती है तो उसके बाद गैर सिंचित क्षेत्रों में किसान मक्की की पछेती फसल की बिजाई कर सकते हैं। ऐसे में अगर अगले एक सप्ताह तक बारिश नहीं होती है और किसान मक्की की बुवाई कर देते हैं तो भयंकर गर्मी में मिट्टी के बीच बीज सड़ सकता है। ऐसे में किसान अभी एक अच्छी बारिश का इंतजार करें। अगर हम पिछली फसल गेहूं की बात करें तो गैर सिंचित क्षेत्रों में 5000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। जिससे किसानों को भी भारी
नुकसान हुआ था।
अगर फिर से किसान ऐसी गलती करते हैं तो किसानों को फिर से किसान का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि जिला ऊना में बरसात का मौसम जुलाई माह के अंतिम सप्ताह के आसपास आता है। तब तक लगातार बारिश होने की कोई भी संभावना नहीं है। जिला ऊना में हर वर्ष 30783 हेक्टेयर भूमि में अगेती व पछेती मक्की की खेती होती है। मौसम विभाग के अनुसार जिला ऊना में गुरुवार को 14.4 एमएम बारिश हुई है। हालांकि विभाग ने आगामी दिनों में बारिश होने के आसार जताए हैं। अगर आगामी दिनों में भी जिला में अच्छी बारिश हो जाती है तो यह कृषि कारोबार के लिए काफी लाभदायक सिद्द होगा। गौर हो कि जिला ऊना प्रदेश का एक कृषि प्रधान जिला है। जहां पर प्रमुख तीन फसलों में गेहूं, मक्की व आलू शामिल हैं। इन तीनों फसलों की पैदावार स्थानीय किसान बड़े स्तर पर करते हैं। अगर इन तीनों में से एक फसल में भी किसानों को घाटा सहना पड़ता है तो जमींदारों ने पूरे साल की आर्थिक व्यवस्था डगमगा जाती है।
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