Shimla. शिमला। सूचना अधिकार पर मांगी गई जानकारी में देरी पर आयोग ने नगर निगम आयुक्त को 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया है। इस मामले में चमन लाल गुप्ता ने शिमला शहर में पार्किंग पालिसी को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से ढली से आईएसबीटी तक शिमला नगर निगम की ओर से उपलब्ध करवाए गए पार्किंग स्थलों व पार्किंग पालिसी के तहत की तय दरों के संबंध में जानकारी मांगी थी, लेकिन नगर निगम शिमला में सूचना आयुक्त ने इसकी जानकारी देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। शिकायतकर्ता के अनुसार यह जानकारी जनहित में मांगी गई थी। नगर निगम से तय समय में जानकारी न मिल पाने की वजह से इस बारे में उन्हें राज्य सूचना आयोग में शिकायत करनी पड़ी।
नगर निगम ने शिकायत होने के बाद आधी-अधूरी जानकारी उपलब्ध करवाई, लेकिन जानकारी देने में एक साल और नौ माह का वक्त लगा दिया। इस दौरान सूचना मांगने वाले व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक तौर पर प्रताडऩा का सामना करना पड़ा। राज्य सूचना आयुक्त डा. एसएस गुलेरिया ने बताया कि सूचना अधिकार के तहत समय पर जानकारी न देने के एवज में 25 हजार जुर्माना और पांच हजार रुपए पैनल्टी लगाई गई है। इनमें से पांच हजार रुपए सूचना मांगने वाले व्यक्ति को हर्जाने के तौर पर देने होंगे। उन्होंने कहा कि सूचना समय पर न देना साफ तौर पर सूचना अधिकार अधिनियम 2005 का उल्लंघन है और इसे देखते हुए राज्य सूचना आयोग ने यह जुर्माना किया है। उन्होंने बताया कि दोनों ही पार्टियों को मामले से जुड़े फैसले की कापी दे दी गई है।