बाराबंकी। Barabanki: मौसम की मार शुक्रवार को भी भारी पड़ती दिखी। भीषण गर्मी ने सभी का हाल बेहाल कर दिया। सूरज निकलने के बाद से तपिश पढ़नी शुरू हुई। दोपहर बाद पर 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। आलम यह रहा कि सड़क, बाजार, चौक और चौराहों पर सन्नाटा पसर गया। बाहर निकलने पर सूरज की गर्म किरणें सहन नहीं हो पा रही थीं। लोग छाता, गमछा और रुमाल से चेहरा और बदन ढकने के बाद भी परेशान होते रहे। सुबह दस के बाद से सड़कें सूनी हो जा रही हैं। दिन चढ़ने के साथ पारा हर घंटे चढ़ता रहा। शुक्रवार को अधिकतम पर 44 और न्यूनतम 32 डिग्री पहुंच गया। आलम यह है की हीटवेव के चलते जहां एक दरोगा की मौत हो गई। तो वहीं अलग-अलग क्षेत्रों में तीन अन्य बेहोश होकर गिर गये और थोड़ी देर में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। जिले में आज कुल चार मौतें हुई हैं।
शहर छोड़ दीजिए, अब तो गांव में भी राहत नहीं है। लोग पेड़ों की छांव की तलाश करते देखे गए। गर्मी ने घरों में भी सुकून छीन लिया है। अधिकतम तापमान के चलते पंखे कूलर गर्म हवा दे रहे हैं। एसी तक ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। महिलाओं बच्चों का हाल बेहाल है। गर्मी के चलते लोगों की रात की नींद भी छिन गई है। पसीने से तरबतर लोग छांव या खुले मैदान में राहत पाने के लिए टहलते देखे जा सकते हैं। वहीं पारा चढ़ने के साथ ही गर्मी जनित बीमारियों का प्रकोप ही बढ़ गया है।
चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेश कुशवाहा के मुताबिक जिला अस्पताल में उल्टी दस्त एवं डायरिया के मरीज ज्यादातर आ रहे हैं। बेजुबानों की भी हालत खराब है। ताल तलैया सूख जाने से पशु पक्षियों को पानी के लिए टोटियों और नलों के आसपास देखा जा रहा है। शहर के कई इलाके ऐसे हैं जहां रात बारह बजे तक चहल पहल रहती है। इसमें रेलवे स्टेशन, छाया चौराहा, बेगमगंज, लखपेड़ाबाग और सतरिख नाका प्रमुख रूप से शामिल हैं। लेकिन इस बार गर्मी के कारण इन स्थानों पर भी सन्नाटा रहता है। हालांकि शाम ढलने के बाद चहल पहल बढ़ती है। भीषण गर्मी के चलते फुटकर से लेकर थोक व्यापार तक प्रभावित हो गया है। आलम यह है कि इस भीषण गर्मी के चलते दिहाड़ी मजदूर मजदूरी करने को तैयार नहीं हैं।