हरियाणा सरकार ने समय सीमा की तय

Update: 2023-09-16 11:52 GMT
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता मे हुई अटल भूजल योजना के लिए गठित राज्य स्तरीय अंतर विभागीय संचालन समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 526.29 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन उपयोगिता योजना को मंजूरी दी गई। यह योजना भूजल संबंधी समस्याओं को दूर करने और राज्य में स्थायी जल प्रबंधन को बढ़ावा देने की दिशा में कारगर साबित होगी।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अटल भूजल योजना के लिए गठित राज्य स्तरीय अंतर विभागीय संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इस पहल के माध्यम से राज्य में स्थायी और सुरक्षित जल भविष्य सुनिश्चित करने, जल संसाधनों का प्रबंधन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों से बड़े पैमाने पर सिंचाई और अन्य कार्यो में उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए ताकि ट्यूबवेल के पानी का उपयोग को कम हो सकें और जल संकट वाले ब्लॉकों में जल स्तर को गिरने से रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि अटल भूजल योजना के तहत क्रियान्वित की जा रही परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने सभी तालाब परियोजनाओं को भी 31 मार्च, 2024 तक पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
समिति ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 307.98 करोड़ रुपये की वार्षिक कार्य योजना को भी मंजूरी दी। राज्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई हरियाणा द्वारा तैयार की गई इस योजना के संस्थागत सुदृढ़ीकरण और क्षमता निर्माण के लिए 82 करोड़ रुपए और प्रोत्साहन निधि उपयोग के लिए 225.98 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है। इसके अतिरिक्त समिति ने जुलाई 2023 से जून 2024 की अवधि के लिए वार्षिक कार्य योजना को स्वीकृति दी। इन कार्य योजनाओं में आपूर्ति और मांग पक्ष गतिविधियों का अभिसरण, जल संरक्षण अपनाना और सूचना, शिक्षा, संचार और क्षमता निर्माण गतिविधियां, डाटा डिस्क्लोजर तथा जल सुरक्षा योजनाओं की तैयारी जैसे महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं।
हरियाणा में भूजल चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न विभाग और संगठन प्रोत्साहन उपयोग योजना को लागू करने में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। सिंचाई और जल संसाधन विभाग द्वारा महेंद्रगढ़ जिले के लिए आरसीसी पाइपलाइनों के निर्माण और संबंधित गतिविधियों के तहत नदियों और तालाबों के पुनर्भरण से भूजल बढ़ाने के लिए 27 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इसके अतिरिक्त, जिले की 9 परियोजनाओं का लक्ष्य भूजल की स्थिति में सुधार करना और भूजल को बढ़ाने के लिए विभिन्न गांव के तालाबों को पाइपलाइनों से जोड़ने के लिए 3 परियोजनाएं शुरू की गई है। जबकि 40 परियोजनाएं गांव के तालाबों को आरसीसी पाइपलाइन बिछाकर जोड़ने के लिए हैं। योजना में सुक्ष्म सिंचाई प्रणाली के माध्यम से सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए महेंद्रगढ़ जिले में 9 नहरी जल भंडारण टैंकों का निर्माण भी शामिल है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम संरचनाओं के निर्माण से महेंद्रगढ़ जिले में भूजल स्तर में सुधार के लिए 16 परियोजनाएं संचालित की गई हैं।
जिले में नांगल काठा से कुकसी तक कच्चा चैनल खोदकर, गांव खेड़की में तालाब की खुदाई करके और आरसीसी पाइपलाइन बिछाकर तथा कुकसी माइनर के अंतिम छोर को नदी से जोड़कर दोहान नदी को रिचार्ज करने के लिए भी एक व्यापक परियोजना तैयार की गई है। बैठक में फतेहाबाद जिले में भूजल की स्थिति में सुधार के लिए 40 रिचार्ज बोरवेल को मंजूरी दी गई है। हरियाणा पंचायती राज विभाग द्वारा अटल भूजल योजना के तहत यमुनानगर जिले के गांव नवागांव और भोलीवाला में चेक बांधों को मजबूत करने और मरम्मत करने का कार्य किया जा रहा है।
हरियाणा तालाब और अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वर्तमान में हरियाणा में अटल भूजल योजना के तहत 489 तालाबों के जीर्णोद्धार और कायाकल्प का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा पलवल जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में 732 रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण करने तथा जिला सिरसा के ब्लॉक रानिया और ऐलनाबाद के गांवों के सरकारी भवनों में वर्षा जल संरक्षण के लिए 50 रिचार्ज बोरवेल का निर्माण तथा भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए तालाबों का निर्माण किया जाना भूजल योजना में शामिल है।समिति द्वारा ग्राम पंचायतों में नालियां, चेक डैम, रिचार्ज शाफ्ट, छत पर वर्षा जल सरंक्षण और खेत तालाबों सहित 2,268 जल आपूर्ति संरचनाओं के निर्माण के लिए 40.75 करोड़ रुपये का आवंटित किये गये है। इन परियोजनाओं से किसानों की 101,214.5 हेक्टेयर भूमि की लेजर लैंड लेवलर्स में क्षमता निर्माण, शेड निर्माण और लेजर लैंड लेवलिंग तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
Tags:    

Similar News

-->