हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा-मौत के आंकड़े पर बहस करने से कोई लौटकर नहीं आएगा

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े पर बहस करने का कोई तुक नहीं है

Update: 2021-04-27 17:33 GMT

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि कोविड-19 से हुई मौतों के आंकड़े पर बहस करने का कोई तुक नहीं है क्योंकि मरा व्यक्ति लौटकर तो नहीं आ सकता, ऐसे में अब मरीजों को राहत देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए. वह कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों के कथित रूप से कम आंकड़े दिखाए जाने के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि श्मशान घाट और कब्रिस्तान आदि का परिदृश्य आधिकारिक आंकड़ों में परिलक्षित नहीं होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार की कठिन स्थिति से हम गुजर रहे हैं, उसमें हमें आंकड़ों से नहीं खेलना है. हमारा पूरा ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि कैसे लोग संक्रमण से उबरें, कि कैसे हम उन्हें राहत प्रदान कर सकें. उन्होंने कहा कि जो लोग मर गए हैं, वे विवाद खड़ा करने पर लौटकर नहीं आयेंगे.
कांग्रेस ने खट्टर पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि इस बहस में जाने का कोई तुक नहीं है कि क्या मौतों का आधिकारिक आंकड़ा सही है. विपक्षी कांग्रेस ने तत्काल उनके बयान की निंदा की. पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ये बस निर्मम शासक के ही शब्द हो सकते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि हर मौत सरकार की कमियों का परिणाम है, इसलिए उस पर शोर मचाने की जरूरत है, ताकि बहरी बीजेपी (BJP) सरकार को ये बात समझ आए.
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कसा तंज
वहीं, आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर कहा कि ये बयान शर्मनाक हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री की सोच की कड़ी निंदा की. खट्टर कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए रोहतक, पानीपत, हिसार और फरीदाबाद दौरे पर थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हर मुमकिन प्रयास करेंगे ताकि जिंदगियां बच सकें. मौंतें अधिक हैं या कम, उस बहस में पड़ने का कोई तुक नहीं है.
इस दौरान मुख्यमंत्री से रोहतक के पीजीआईएमएस अस्तपाल द्वारा चिकित्सकीय ऑक्सीन की कमी के चलते रविवार रात को कुछ समय के लिए मरीजों की भर्ती नहीं करने के बारे में पूछा गया. इसपर उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव बहुत घट गया था और अगर वे और मरीजों को लेने लगते तो पहले से भर्ती मरीजों की देखभाल नहीं कर पाते.


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