Rakkad. रक्कड़. मैं हूं सलेटी-तुतड़ू संपर्क सडक़। वैसे तो मैं अपने पर इतराती हूं कि दो जिलों ऊना और कांगड़ा के क्षेत्र से मेरा नाता है। दशकों बाद मुझ पर कोलतार डालने पर यहां के बाशिंदों ने राहत की सांस ली थी। ऐसे में मुझे तो यह उम्मीद थी कि मेरे पर कभी आंच भी नहीं आएगी पर ऐसी उम्मीद तो दूर मेरा तो निर्माण कार्य भी अभी तक कंप्लीट नहीं हो पाया है और वहीं मेरे ऊपर से गुजरने वाले सैकड़ों वाहन चालक मन ही मन कोसते हुए निकलते हैं और पूछते हैं कि आखिर कब पूरा होगा मेरा शेष निर्माण कार्य। अब तो बस यही दुआ कर रही हूं कि हे रहनुमाओ, मेरे हाल पर रहम खाओ और शेष सडक़ को जल्दी बनाओ।
कांगड़ा और ऊना जिला को जोडऩे वाली सलेटी-तुतड़ू संपर्क सडक़ अगर बोल सकती तो कुछ उपरोक्त अंदाज में अपनी व्यथा व्यक्त करती। दशकों से तो यह सड़क़ कच्ची अवस्था में थी और जब इसका काम शुरू हुआ तो उम्मीद बंधी कि अब जल्द सब ठीक हो जाएगा पर अब तक भी निर्माण कार्य अधूरा है। बेशक बाकी सडक़ पक्की है लेकिन सलेटी से तुतड़ू की ओर करीब एक किलोमीटर दायरे में लगभग चार जगह से कुछेक हिस्सों में पथरीली कच्ची सडक़ पर झटकों भरा सफर मुसाफिरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बहरहाल उक्त जगह धूल मिट्टी और झटकों भरे सफर से निजात दिलाने के लिए स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग से पुरजोर मांग की है कि यथाशीघ्र सडक़ के शेष निर्माण कार्य को कंप्लीट किया जाए ताकि आवागमन में असुविधा न हो।