हरियाणा। हरियाणा सरकार ने 12 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है। इनमें अंबाला, फतेहाबाद,फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल,पानीपत, सोनीपत, सिरसा और यमुनानगर शामिल हैं। सीएम मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान ,उत्तराखंड में औसत से अधिक बारिश हुई। 8 से 12 जुलाई के दौरान हरियाणा में 110 मिलीमीटर वर्षा हुई जो सामान्य 28.4 से 287 फीसदी ज्यादा है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार हिमाचल प्रदेश को बाढ़ राहत कोष में पांच करोड़ रुपये देगी।
प्रदेश के 12 जिलों के 1353 गांव और 5 एमसी क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित घोषित किया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लगभग 6477 व्यक्तियों को निकाला गया है। वहीं 41 राहत कैंप आयोजित किए गए। सीएम ने बताया कि बारिश की वजह से अब तक 35 लोगों की मौत और 2 लोगों के लापता होने की खबर है। सिरसा और फतेहाबाद को छोड़कर लगभग सभी जिलों से पानी उतर गया है।
सीएम ने कहा कि 50 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। 125 घरों की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने और 615 घरों के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली है। इस बाढ़ से पशुधन भी प्रभावित हुआ।
उन्होंने बताया कि सिंचाई और जल संसाधन विभाग द्वारा 399 सरंचनाओं और लाइनिंग, बांधों के तारों के कटाव की सूचना दी गई, जिसके लिए 90 करोड़ के बजट की जरूरत होगी। बरसात और बाढ़ से प्रदेश में 1142 किलोमीटर लंबी 996 सड़कें प्रभावित हुई,जिनके मरम्मत के लिए 230 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। वहीं बारिश और बाढ़ से पूरे राज्य में 3369 खंभे क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा 1470 ट्रांसफार्मर और अन्य बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा, जिनके लिए 22 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
प्रदेश में 17 सरकारी पशु औषधालयों और सरकारी पशु अस्पतालों के भवनों को नुकसान हुआ जिनकी मरम्मत के लिए एक करोड़ 24 लाख के बजट की आवश्यकता होगी। जिलों को बाढ़ एवं बचाव कार्यों के लिए अभी तक साढे़ 4 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के उपायुक्तों को अपने-अपने क्षेत्र में नुकसान के मुआवजा में तेजी लाने के लिए वित्तीय शक्तियां सौंपी गई हैं। सड़क ,पुल,पेयजल योजना, लघु सिंचाई योजना और बिजली आपूर्ति को हुए नुकसान के लिए मरम्मत के लिए प्रशासनिक सचिवों को प्रशासनिक शक्तियां सौंपी गई हैं। सड़क की मरम्मत के लिए 10 लाख रुपये तक के काम एसई के स्तर पर कराया जा सकेगा। 10-1 करोड़ तक का काम इंजीनियर वर्कस पोर्टल के माध्यम से स्पेशल टेंडर के जरिये कराए जाएंगे।
सीएम ने मृत व्यक्तियों के परिवारों को 4 लाख के मुआवजा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिन फसलों की बिजाई नहीं हो पाएगी, उनके लिए मुआवजा तय मानकों के जरिए किया जाएगा। चारा, सब्जी, कॉटन, मेज जैसी 18 फसलों का जिनका नुकसान हुआ, उनको मुआवजा दिया जाएगा। जितनी भी एग्रीकल्चर लैंड है, उसका रजिस्ट्रेशन करने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन करने का कार्यक्रम चलाया है।
40 से 60 फीसदी दिव्यांगता होने पर 74000 की मदद, 60 फीसदी से अधिक दिव्यांगता होने पर 250000 की मदद होगी। भैंस,गाय, ऊंट याक आदि की हानि पर 36500, भेड़, बकरी,सुअर आदि के लिए 4000, ऊंट, घोड़ा, बैल आदि के लिए 32000, बछड़ा, गधा, टट्टू खच्चर,बछड़ा के लिए 20000 और 100 रुपये प्रति पक्षी मुर्गी पालन के प्रभावित लोगों को दिए गए। मनोहर लाल ने कहा कि करीब 578 गांव में, शहरों में 33 वार्डों में पानी से नुकसान की ज्यादा सूचना मिली है।