खेत से निकले सोने के सिक्के: लूटने के लिए गांव के लोगों में मची होड़, सुरक्षा के लिए पुलिस ने की घेराबंदी
सोने के सिक्के मिलने की खबर पूरे गांव में फैल गई.
बक्सर: बक्सर जिले के गिरिधर बराव गांव में खेत की खोदाई के दौरान सोने के सिक्के मिले हैं. देखने में सभी सिक्के प्राचीन कालीन लग रहे हैं. सोने के सिक्के मिलने की खबर पूरे गांव में फैल गई. देखते ही देखते सैकड़ों ग्रामीण उस खेत की ओर दौड़ पड़े. कुछ ही देर में वहां लोगों की काफी भीड़ जुट गई.
ऐसे में किसी ने खेत में सोने के सिक्के मिलने की सूचना पुलिस को भी दे दी. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो तीन सिक्के बरामद कर लिए है जबकि दो सिक्कों की बरामदगी के लिए पुलिस उस किसान परिवार को समझाने की कोशिश कर रही है. तो वहीं पुलिस ने जिस खेत में सिक्के मिले हैं, उस पर पहरा बिठा दिया है.
किसान परिवार की बुजुर्ग महिला की मानें तो सब्जी के खेत में खुदाई की जा रही थी. पहले दो सिक्के और फिर तीन सिक्के मिले. सभी सिक्कों का रंग सुनहरा था और वो पुराने बीस पैसे की तरह दिख रहे थे. कुछ लोग आए और देखने का बहाना कर दो सिक्के गायब कर दिए. वहीं, प्रशासन के मुताबिक तीन सिक्के बरामद किए गए हैं, वो ऐतिहासिक हैं. शुरुआती जांच में सोने के प्रतीत होते हैं.
बक्सर जिलाधिकारी का कहना कि अनुमंडल प्राधिकारी डुमरांव ने यह बताया है कि तीन सोने के सिक्के बरामद हुए हैं जिनकी जांच सुनार से कराई गई है. तीनों सिक्के सोने के ही निकले हैं. जब जिलाधिकारी से यह सवाल किया गया कि पांच सिक्कों को मिलने की बात आ रही है तो उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सिक्के मिले हैं. उनकी ओर से बताया गया है कि सिक्के पांच ही थे. ऐसे में पूरे मामले की जांच कराई जा रही है और बाकी दो सिक्कों की तलाश की जा रही है. इस पूरे मामले को जल्द पुरातत्व विभाग को सौंप दिया जाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार, जिस खेत से सोने के सिक्के मिले हैं वह बिहारी साह और हरिहर साह का खेत है. जिस पर गांव के ही धंनेश्वर महतो की पत्नी बिहसी देवी और उसका पुत्र भीम महतो मालगुजारी पर सब्जी की खेती कर रहे थे. रविवार को बिहसी देवी अपने बेटे के साथ सब्जी की फसल उगाने के लिए बांस-बल्ली गाड़ने के लिए जमीन की खुदाई कर रही थी. इस दौरान पांच सोने के सिक्के मिले. आस-पास के किसानों ने जब खेत से सोने के सिक्के निकलते देखे तो उन्होंने पूरे गांव में इसकी खबर दी और फिर बात पुलिस तक पहुंच गई.
बरामद सिक्कों को चेरो खरवार के प्रसिद्ध राजा केशवा महाराज के काल से जोड़कर देखा जा रहा है. जानकारों की मानें तो जहां से सोने के सिक्के मिले हैं. वह गिरीधर बरांव गांव है. यहां से महज चार-पांच किलोमीटर दूर तकरीबन 600 साल पहले चेरो खरवार के वंशज इस इलाके में रहते थे. उन दिनों केसठ गांव का नाम रसीद पुर था, जो केसठ बस स्टैंड से पश्चिम भाग में था. चेरो खरवार के वंशजों के यहां से चले जाने के बाद रसीद पुर गांव के पास नदी बहा करती थी जिसमें बाढ़ आने के बाद रसीदपुर के लोग गढ़ के आस-पास के हिस्सों में आकर रहने लगे. लोगों का मानना है कि चेरो खरवार के राजा का नाम केसवा था. जिसके नाम पर रसीदपुर का नाम केसठ रखा गया. आज भी उस ऐतिहासिक गढ़ के अवशेष गांव में मौजूद हैं, जो पूरी तरह अतिक्रमण का शिकार हैं.