परमात्मा एक ओर कोमल, दूसरी ओर कठोर

Update: 2024-05-22 10:08 GMT
कुल्लू। मनाली स्थित साधना धाम आश्रम में चांद्रायण साधना में उपस्थित साधकों को ध्यान के विविध आयामों के बारे में बोलते हुए श्री सुधांशु महाराज ने कहा कि परमात्मा एक ओर कोमल भी है और दूसरी ओर कठोर भी हैं। साधकों को ध्यान के कई नए आयामों जैसे तेजोमय मेडिटेशन, वाकिंग मेडिटेशन, डिवाइन ब्लिस मेडिटेशन, क्षमा मेडिटेशन के बारे में विस्तार से बताते हुए सभी को अपने दैनिक जीवन में लागू कर खुद को एक सफल व्यक्ति बनने को कहा। उन्होंने कहा कि खुद को शांत करते हुए गहरे सांस लेकर विश्राम की ओर धीरे धीरे जाएं। उगते सूरज की किरणों को एक दिव्य शक्ति के रूप में अपने अंदर आते हुए अनुभव करें और एक नई ऊर्जा के साथ अपने कर्म करते जाएं।
प्रेम और शांति की तरंगों को महसूस करें। मन, वचन एवं कर्म में शांति आए। यह कृपा परमात्मा से मांगते हुए प्रार्थना करें। सबको खुशियां देने वाले भगवान को याद करें। डाक्टर अर्चिका दीदी ने कहा कि हृदय से प्रभु को प्रणाम करते हुए धरती माता को नमन करें। महसूस करें कि शरीर के अंदर से खुद को रिलेक्स अनुभव कर रहा हूं। परमात्मा का दिया हुआ उपहार स्वरूप देह शरीर के लिए धन्यवाद् दें। ओम का उच्चारण करते हुए अपने अंदर ऊर्जा को भरें। नकारात्मक विचारों को शरीर से बाहर जाते हुए महसूस करें। अपने सिर पर शांति के प्रकाश को अनुभव करें। पवित्र और शान्ति की ऊर्जा मुझे शांत कर रही है।
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