नवजात बच्चों को चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 7 आरोपी गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है.

Update: 2021-02-22 17:51 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: मध्य प्रदेश के इंदौर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एसटीएफ ने निजी अस्पतालों और क्लीनिक से बच्चा चोरी कर नि:संतान दंपतियों को मुंह मांगे दामों पर बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले के तार इंदौर, देवास और ग्वालियर से जुड़े हैं.

इंदौर पुलिस की STF टीम ने बच्चा चोर गिरोह में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, इनमें एक दाई और दंपति शामिल हैं. एसटीएफ को दो बच्चे भी इनके पास से मिले हैं. एक बच्चा रतलाम के रिटायर्ड इंजीनियर एमपीईबी के यहां से मिला है. 13 साल पहले इंजीनियर ने बच्चे को इंदौर के यश अस्पताल से खरीदा था. पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है. 
एमपी के विभिन्न जिलों में संचालित निजी नर्सिंग होम और मैटरनिटी क्लीनिकों से बच्चों की चोरी कर, उन्हें नि:संतान दंपतियों को लाखों रुपये में बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इस मामले की शिकायत भोपाल की सामाजिक संस्था, जनसमस्या समाधान समिति ने एडीजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार को भेजी थी. इसके बाद जांच के लिए एसटीएफ इंदौर को मामला सौंपा गया.
एसटीएफ की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने सोमवार को बताया कि बच्चों के हितों में काम करने वाली गैर सरकारी संस्था "चाइल्ड लाइन" से मिले सुरागों के आधार पर जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि मामले में इंदौर निवासी दाई लीलाबाई और नजदीकी शहर देवास में रहने वाले उसके दो सहयोगियों-पुष्पा और प्रभुदयाल को गिरफ्तार किया है. इनके साथ ही देवास और रतलाम से एक-एक दंपती को भी गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है कि अभी तक कितने बच्चे चुराए हैं और उन्हें कहां कहां बेचा है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन दंपतियों के साथ रह रहे नौ और 13 साल के दो बच्चों को फिलहाल एक बाल आश्रय गृह में रखा गया है. एसपी खत्री ने बताया कि हम दोनों दंपतियों और इन लड़कों का डीएनए टेस्ट कराने जा रहे हैं, ताकि वैज्ञानिक रूप से तस्दीक हो सके कि वे इनके माता-पिता हैं या नहीं.एसटीएफ ने देवास के निगमकर्मी शिरीष इंदूरकर समेत उसकी पत्नी सुधा, पड़ोसी पुष्पा और दाई लीलाबाई को पकड़ा है. आरोप है कि शिरीष व सुधा ने पुष्पा और लीला बाई की मदद से अक्टूबर 2011 में यश अस्पताल की संचालिका महिला डॉक्टर से एक दिन का बच्चा खरीदा था. अब यह बच्चा 10 साल का हो चुका है और वह एक निजी स्कूल में पढ़ता है.
पुलिस ने जब लीला से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह मालिश और दाई का काम करती थी और डॉक्टर शर्मीला से उसकी पहचान थी. उसने डॉक्टर को शिरीष और सुधा के बारे में बताया और बच्चा दिलवा दिया. लीला ने रुपये लेने से भी इनकार कर दिया. इस मामले में अस्पताल संचालिका से पूछताछ की जा रही है.


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