Baagabaanee Vikaas परियोजना को चार महीने की एक्सटेेंशन

Update: 2024-07-01 10:26 GMT
Shimla. शिमला। विश्व बैंक के माध्यम से हिमाचल को मिली बागबानी विकास परियोजना को चार महीने की एक्सटेंशन मिल गई है। रविवार को इस परियोजना की मियाद खत्म हो गई थी, मगर केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार के प्रस्ताव को मानते हुए प्रोजेक्ट को चार महीने की एक्सटेंशन दे दी है। मामला केंद्र सरकार के आर्थिक मामले मंत्रालय के पास लंबित था। इससे पहले विश्व बैंक ने एक्सटेंशन दिए जाने को लेकर अपनी हामी भर दी थी। परियोजना में शेष बचे काम चार महीनों में पूरा कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में अभी 50 करोड़ रुपए की राशि शेष बची थी। यदि एक्सटेंशन नहीं मिलती तो प्रोजेक्ट बंद हो जाता और यह पैसा भी लैप्स हो जाता। इस राशि में से 25 करोड़ रुपए हिमाचल सरकार के हैं और 25 करोड़ की राशि केंद्र सरकार की है। जो काम आगे इस परियोजना के तहत किए जाने हैं, उनके लिए पहले से टैंडर किए गए हैं। अब उन टेंडर को ओपन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत मेंहदली में मार्केट यॉर्ड का निर्माण किया जाना है,
जिसके लिए जगह पहले से चिन्हित है।
वहीं, जरोल-टिक्कर में भी एक सीए स्टोर का निर्माण कार्य पूरा किया जाना है। इसके अलावा कुछ और छोटे-मोटे काम शेष बचे हैं। इससे पहले 50 करोड़ के कार्यों के लिए बागबानी विभाग ने टेंडर कर दिए हैं, जिन पर भी काम होगा। प्रोजेक्ट की मियाद रविवार को खत्म हो गई थी, लिहाजा इस परियोजना के तहत लगे सैंकड़ों कर्मचारियों की भी नौकरी जा रही थी। वैसे उनका मामला हाई कोर्ट में चल रहा है, जहां से अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। कर्मचारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट खत्म हो रहा है लिहाजा उनकी सेवाएं किसी दूसरे विभाग में समायोजित की जाएं लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। सरकार का कहना है कि वह प्रोजेक्ट के तहत शर्तों के आधार पर लगे थे, जिनको समायोजित नहीं किया जा सकता। कई साल पहले हिमाचल को बागबानी विकास परियोजना विश्व बैंक से हासिल हुई थी, जिसकी लागत शुरुआत में 1160 करोड़ के आसपास थी, मगर अब इसकी लागत घटकर 1060 करोड़ के आसपास हो गई थी। इसके तहत प्रदेश में कई मंडियों का निर्माण हुआ व बागबानों को अत्याधुनिक सुविधाएं दी गईं। वहीं सेब के भंडारण के लिए सीए स्टोर बनाए गए और बागवानों को विदेशों से सेब की पौध लाकर दी गई। कई सालों से लाखों पौधे इटली और अमेरिका से लाकर यहां पर नर्सरी में रखे गए हैं और बागबानों को भी दिए गए हैं।
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