पहली बार चुनाव लड़ रहे पूर्व अफसर राजेश्वर सिंह, VRS के 24 घंटे के अंदर मिला BJP का टिकट, जानें इनके बारे में...

Update: 2022-02-02 09:08 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपने सभी उम्मीदवारों को काफी सोच-समझकर मैदान में उतार रही है. ऐसे ही एक उम्मीदवार हैं राजेश्वर सिंह जो अब सरोजनी नगर सीट से अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं. ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह ने वीआरस लेने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर 24 घंटे के अंदर उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया गया.

अब उनका बीजेपी में जाना और प्रत्याशी भी बन जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. वैसे भी जैसा उनका करियर रहा है, उस वजह से उनके कई राजनीतिक प्रतिद्वंदी बन गए हैं. जिन मामलों की जांच में वे सक्रिय रहे, उस वजह से उनको पसंद ना करने वालों की लिस्ट काफी लंबी है. ऐसे में शुरुआत से अब तक के उनके एक सफर पर नजर डालते हैं-
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे हैं....
राजेश्वर सिंह 1996 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं. जब वे लखनऊ के डिप्टी एसपी के रूप में नियुक्त हुए थे, हर कोई उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जानता था. उनके नाम कुल 13 एनकाउंटर हैं जहां पर उन्होंने खतरनाक से खतरनाक अपराधी का सामना भी किया और उसे जेल की सलाखों के पीछे भी भेज दिया. इसके अलावा उनके डिपार्टमेंट के लोग उन्हें बतौर साइबर जेम्स बॉन्ड भी देखा करते थे. उनकी जांच करने का तरीका ऐसा रहता था कि अपनी ज्वाइनिंग के 14 महीने के भीतर ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बना ली.
कई घोटालों की जांच में रहे शामिल
इसके बाद 2009 में राजेश्वर सिंह प्रतिनियुक्ति पर ईडी में चले गए थे और वहां पर अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया. ये वो समय था जब उन्होंने यूपीए कार्यकाल के दौरान कई घोटालों की जांच की थी. इस लिस्ट में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला शामिल है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम संग तो उनके रिश्ते और ज्यादा तल्ख रहे थे. दो मामले तो ऐसे रहे जहां पर सीधे तौर पर पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम शामिल रहे. पहला तो रहा अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला और दूसरा एयरसेल-मैक्सिस सौदा. दूसरे मामले में तो कई मौकों पर राजेश्वर सिंह का पी चिदंबरम से सामना हुआ था.
गोमती रिवर फ्रंट मामले में भी सक्रिय
इसके अलावा पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला, जगन मोहन रेड्डी और मधु कोड़ा के खिलाफ जो भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, उनकी जांच भी राजेश्वर सिंह द्वारा ही की गई. राजनीति से इतर राजेश्वर सिंह ने अपनी सर्विस के दौरान सहारा प्रमुख सुब्रत राज को भी जेल भेजा था. तब उन पर हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से 24000 करोड़ ऐंठने का आरोप था. गोमती रिवर फ्रंट केस में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही थी.
राजेश्वर सिंह के निजी जीवन की बात करें तो वे यूपी के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं. वे इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट हैं और अपने पास लॉ की डिग्री भी रखते हैं. उनके परिवार के कई दूसरे सदस्य भी पुलिस सेवा में रह चुके हैं. उनकी पत्नी वर्तमान में लखनऊ रेंज की आईजी हैं.

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