पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का कोरोना संक्रमण से निधन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और PM मोदी ने जताया दुख

भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का शुक्रवार रात निधन हो गया

Update: 2021-04-30 07:02 GMT

भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का शुक्रवार रात निधन हो गया. वो 91 वर्ष के थे. पिछले कुछ दिनों से वो कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित थे. करीब 70 सालों तक कानून के क्षेत्र से जुड़े रहे सोराबजी ने देश के अटार्नी जनरल का पद दो बार संभाला. वकालत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए वर्ष 2002 में उन्हें पद्म विभूषण का सम्मान भी मिला था.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोराबजी के निधन पर शोक जताते हुए कहा, 'वह उन लोगों में से थे जिनकी भारत के संवैधानिक कानूनों के विस्तार में प्रमुख भूमिका रही. गरीबों और दलितों की मदद करने में ये सबसे आगे थे. उन्हें भारत के लिए किए गए महान कार्यों के लिए याद किया जाएगा उनके निधन से दुखी हूं'.

जानें इन नेताओं ने क्या कहा
वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित वह सबसे प्रख्यात जूरिस्ट में से एक थे. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने शोक प्रकट कर श्रद्धांजलि दी है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, 'उनका व्यक्तित्व महान था. सोराबजी का नाम देश के बड़े मानवाधिकार वकीलों में शामिल था. उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1997 में विशेष दूत के तौर पर नाइजीरिया भेजा गया था, ताकि वहां के मानवाधिकार के हालात के बारे में पता चले सके.
मुंबई में शुरू कर दी थी प्रैक्टिस
वर्ष 1989 से 1990 तक अटॉर्नी जनरल रहे सोराबजी ने दोबारा 1998 से 2004 तक यह जिम्मेदारी निभाई थी. सोली सोराबजी का पूरा नाम सोली जहांगीर सोराबजी था. उनका जन्म मुंबई में वर्ष 1930 में हुआ था. उन्होंने 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी था.उन्होंने हेग में 2000 से 2006 तक स्थायी न्यायालय के सदस्य के रूप में भी काम किया है.


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