जालसाजी मामला: 7 ट्रांसपोर्ट अधिकारियों के खिलाफ FIR, एक गिरफ्तार
नकली मुहरों का उपयोग.
बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के जाली हस्ताक्षर करने तथा नकली मुहरों का उपयोग कर बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीएमटीसी) को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचान के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और कॉर्पोरेशन से जुड़े सात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस संबंध में पूर्व मुख्य यातायात प्रबंधक श्रीराम मुलकावन; एक संभागीय यातायात अधिकारी श्यामला एस. मुद्दोदी; सहायक यातायात प्रबंधक ममता बी.के.; सहायक यातायात अधीक्षक अनीता टी.; सहायक यातायात निरीक्षक गुणशीला; कनिष्ठ सहायक आर. वेंकटेश; और कनिष्ठ सहायक प्रकाश कोप्पल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
इस संबंध में विल्सन गार्डन थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अन्य अधिकारियों की तलाश शुरू कर दी है। बीएमटीसी से जुड़ी एक सहायक सुरक्षा और सतर्कता अधिकारी सी.के. राम्या ने शिकायत दर्ज कराई थी।
मामले के मुख्य आरोपी श्रीराम मुलकावन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि अन्य फरार हैं। पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने बीएमटीसी की पूर्व प्रबंध निदेशक सी. शिखा और सुरक्षा एवं सतर्कता विंग के निदेशक के. अरुण के फर्जी हस्ताक्षर किये। आरोपियों ने गिरोह बनाकर कथित तौर पर करोड़ों की कमाई की थी। घोटाला सामने आने के बाद वाणिज्य विभाग से उनका तबादला अलग-अलग अनुभागों में कर दिया गया। आरोपियों ने फर्जी हस्ताक्षर और मुहर का इस्तेमाल कर 17.64 करोड़ रुपये निकाल लिए थे।
परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीएमटीसी मामले की जांच कर रही है। यह पाया गया कि अधिकारियों ने यूपीआई ऐप्स के माध्यम से 4 से 5 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। अब अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, "मैंने निर्देश दिया है कि केवल निलंबन पर्याप्त नहीं है और आरोपी को दंडित किया जाना चाहिए।"