पहली बार! अब व्हॉट्सएप, ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज से मिलेंगे वारंट और समन, तामील भी डिजिटली

बड़ा फैसला.

Update: 2024-08-21 03:29 GMT
MP News Hindi: मध्य प्रदेश सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया को पहले से ज्यादा सरल और सुगम बनाने के लिए एक ओर कारगर फैसला लिया है। इस नए नियम की मदद से न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े कार्य में तेजी आएगी। नए नियम के तहत समन और वारंट ऑनलाइन माध्यमों से भेजे जाएंगे।
वारंट और समन भेजने के लिए व्हाट्सएप (WhatsApp), ई-मेल (E-mail) और टेक्स्ट मैसेज (Text Massage) का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें तामील भी माना जाएगा। मोहन यादव सरकार के इस अनूठे प्रयोग से मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना गया है।
गृह विभाग ने ऑनलाइन समन व वारंट भेजकर उसे तामील माने जाने वाले नियम भी तैयार कर लिए गए हैं। किसी भी फरियादी या गवाह को भेजा गया ऑनलाइन समन उसका तामील भी मान लिया जाएगा। हालांकि, डिजिटली भेजा गया समन व वारंट से वह लोग शामिल नहीं होंगे जो ऑनलाइन मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
नए नियम में ऐसे गवाह या फिरयादी लोग शामिल नहीं होंगे जो एंड्रॉइड (Andriod)या आईओएस (IOS) सॉफ्टवेयर वाला मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं करते हैं। स्मार्ट फोन को इस्तेमाल करने वाले लोग ही नए कानून के दायरे में आएंगे। सिंपल मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले आरोपी, गवाह या फरियादी के लिए भी प्लान बनाया गया है।
इसके तहत समन या वारंट को तामिल कराने के लिए पुलिस थाने का स्टाफ जाएगा। तामील करवाने के बाद उसकी तस्वीर अपने सॉफ्टवेयर सीसीटीएनएस पर अपलोड करना भी अनिवार्य होगा।
आपको बता दें कि समन या वारंट को तामिल कराने की प्रक्रिया पहले बहुत लंबी होती थी, लेकिन डिजिटल प्रक्रिया अपनाने के बाद अब यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। ऑनलाइन का सबसे ज्यादा फायदा यह होगा कि कोई भी आरोपी, फिरयादी या गवाह इस बात की शिकायत नहीं कर पाएगा कि तामिल नहीं हुआ है। ऐसा होने पर कानूनी प्रक्रिया में भी तेजी आएगी।
ऑनलाइन वारंट और समन भेजने वाला एमपी देश का पहला राज्य बन गया है, जहां समन और वारंट ऑनलाइन भेजने और उसकी तामील मानने के नियम तैयार किए गए हैं. इसके तहत किसी भी शिकायतकर्ता या गवाह को ऑनलाइन भेजा गया समन का तामील माना जाएगा. इसका माध्यम ईमेल, वॉट्सऐप, टेक्स्ट मैसेज हो सकता है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सरकार ने यह फैसला लिया है कि वारंट और समन की तामील के लिए ई-तकनीक का उपयोग किया जाएगा। ऐसा करने से सभी प्रक्रियाओं का त्वरित और प्रभावी पालन सुनिश्चित किया जा सके। मध्यप्रदेश, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उन्होंने विभाग को बधाई भी दी है।
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