BIG BREAKING: सेक्स स्कैंडल के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना का पहला बयान आया सामने
फरार चल रहा है.
बेंगलुरु: कर्नाटक सेक्स स्कैंडल का मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना, 31 मई को एसआईटी के सामने पेश होगा. मामले के सामने आने के बाद से प्रज्वल रेवन्ना फरार चल रहा है. पिछले दिनों जानकारी सामने आई थी कि मामले के तूल पकड़ने के बाद विदेश भाग गया. प्रज्वल रेवन्ना ने अपने बयान में कहा, 'मेरे खिलाफ राजनीतिक साजिश हुई. मैं डिप्रेशन में चला गया. हासन में कुछ ताकतें मेरे खिलाफ काम कर रही हैं क्योंकि मैं राजनीतिक रूप से आगे बढ़ रहा हूं. 31 तारीख को सुबह 10 बजे मैं SIT के सामने रहूंगा और सहयोग करूंगा. मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है, मेरे खिलाफ झूठे मामले हैं, मुझे कानून पर भरोसा है.'
प्रज्वल रेवन्ना ने कहा कि विदेश में मेरे ठिकाने के बारे में उचित जानकारी नहीं देने के लिए मैं अपने परिवार के सदस्यों, अपने कुमारन्ना और पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी मांगना चाहता हूं.
प्रज्वल ने आगे कहा कि 26 तारीख को जब चुनाव खत्म हुआ, तो मेरे खिलाफ कोई मुकदमा नहीं था. SIT का गठन नहीं हुआ था. मेरे जाने के 2-3 दिन बाद मैंने यूट्यूब पर अपने ऊपर लगे ये आरोप देखे. मैंने अपने वकील के जरिए SIT को पत्र लिखकर 7 दिन का वक्त भी मांगा.
पिछले दिनों कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रज्वल रेवन्ना का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट कैंसिल करने की मांग की. इस सिलसिले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और तत्काल कार्रवाई की मांग की. अपने पत्र में, सिद्धारमैया ने इसे "शर्मनाक" बताया कि रेवन्ना ने आरोप सामने आने के ठीक बाद और उसके खिलाफ पहला आपराधिक मामला दर्ज होने से ठीक पहले देश छोड़ने के लिए अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया.
प्रज्वल रेवन्ना ने विदेश मंत्रालय से मंजूरी लिए बिना राजनयिक पासपोर्ट पर यात्रा की. नियमों के मुताबिक, निजी यात्रा के लिए भी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए छूट लेने की जरूरत होती है. 2 मई को, साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है, "सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जर्मनी यात्रा के संबंध में विदेश मंत्रालय से कोई राजनीतिक मंजूरी नहीं मांगी गई थी या जारी नहीं की गई थी. जाहिर है, कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था."
बता दें कि राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी की यात्रा के लिए वीजा की जरूरत होती है. मंत्रालय ने किसी अन्य देश के लिए वीजा नोट जारी नहीं किया है.
जिसके पास भी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, उसे कई सारे प्रिविलेज यानी विशेषाधिकार मिलते हैं. ऐसे लोगों को विदेश में न तो गिरफ्तार किया जा सकता है और न ही हिरासत में लिया जा सकता है. इतना ही नहीं, डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होल्डर्स को किसी देश की यात्रा करने के लिए वीजा की जरूरत भी नहीं पड़ती. कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर का कहना है कि अगर प्रज्वल का डिप्लोमैटिक पासपोर्ट कैंसिल हो जाता है तो उसे भारत आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.