जंगलों में आग, जाग कर रातें काट रहे लोग

Update: 2024-05-18 11:27 GMT
बड़ोह। क्षेत्र के तमाम जंगल धू-धू करके जल रहे हैं। क्षेत्र का एक-एक जंगल या तो जल चुका है या जल रहा है। वन विभाग व स्थानीय लोगों के प्रयासों के बावजूद आग का प्रकोप निरंतर बना हुआ है। थाना चंद्रोट, सुनही, सरोतरी, बड़ोह, बूसल, जसाई, जगनी आदि ऐसा कोई गांव का जंगल नहीं जहां आग की भयंकर लपटें न उठ रही हों। जंगलों के आसपास रहने वाले लोग जाग कर रातें काट रहे हैं। आग से उठने वाले धुएं से यहां धुंध जैसी स्थिति बन गई है। शुक्रवार को बड़ोह बाजार के साथ लगते जंगल में आग लगने से दिन में ही शाम जैसी स्थिति बन गई। आग के आबादी क्षेत्र में बढऩे की आशंका को देखते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ी को बुलाना पड़ा। जिसने आग पर काबू पाया। समूचे क्षेत्र में धुआं फैलने से लोगों को घुटन सी महसूस हो रही है।

वन विभाग ने अपनी तमाम शक्ति के साथ आग पर काबू पाने की प्रयास किए हैं लेकिन सभी प्रयास बिफल हो रहे हैं । यहां पर बिरोजा निकासी में लगे लोग दिन रात जंगलों में पहरा दे रहे हैं। विरोजा निकासी में लगे लोगों का कहना है कि उन्हें आग की वजह से हजारों लाखों का नुकसान हो चुका है। वन कर्मियों व ठेकेदारों का कहना है कि जंगलों को इसलिए जलाया जा रहा है ताकि जंगली जानवर वहां से भाग जाएं। लोगों के मन में धारना है कि जंगलों में आग लग जाने से वहां पर सूअर आदि जंगली जानवर नहीं ठहरते। दूसरा कारण यह भी है कि चीड़ के पत्तों को जलाने से जंगल में नई घास निकल आती है जो पशुओं के चारे के रूप में काम आती है। लोगों का कहना है कि वन विभाग को इन जंगलों से लाखों रुपए एक ही आय होती है लेकिन इसके बावजूद किसानों को जंगली जानवरों द्वारा किए गए जान माल का नुकसान किया का कोई मुआवजा नहीं दिया जाता।
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