काम के समय अश्लीलता: इस यूनिवर्सिटी में पोर्न देखते थे महिला-पुरुष स्टाफ, 6 कर्मचारियों पर गिरी गाज, ऐसे हुआ खुलासा

Update: 2021-03-25 06:31 GMT

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी यूनिवर्सिटी के 6 कर्मचारियों पर गाज गिरी है, इनमें से 5 कर्मचारियों की सेवाए समाप्त कर दी गई हैं और एक को नोटिस जारी किया गया है. यह सब तब हुआ जब खुलासा हुआ कि कर्मचारियों ने कंप्यूटर पर 1256 मिनट के पोर्न वीडियो देखे. 

दरअसल, ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के अलग-अलग डिपार्टमेंट के करीब 7 से 8 कर्मचारियों ने एक महीने में 1256 मिनट पोर्न वेबसाइट का उपयोग किया और आठ यूजर आईडी के जरिए पोर्न देखा गया. इन कर्मचारियों में दो महिला कर्मचारी भी शामिल हैं.
एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्न वेबसाइट देखने वालों में रेगुलर और आउटसोर्स कर्मचारी शामिल थे. यूनिवर्सिटी प्रबंधन को जानकारी मिलने के बाद कुलपति ने कमेटी बनाई, जिसमें जांच के बाद यह मामला सही पाया गया.
इन कर्मचारियों द्वारा यूनिवर्सिटी का नेटवर्क यूज करके पोर्न साइट्स वीडियो का उपयोग किया गया. इसके बाद 4 सर्विस प्रोवाइडर कर्मचारी और एक गेस्ट फैकल्टी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. वहीं एक स्थाई कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
जिन कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है उनमें 2 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं. जिन आठ यूजर आईडी से पोर्न वीडियो देखे गए हैं, उनमें से दो आईडी ऐसे कर्मचारियों की है जिनकी उम्र लगभग 58 के असपास है और वे रिटायर होने वाले हैं.
कुछ कर्मचारियों ने अपना पक्ष भी रखा है कि वे कोई और वेबसाइट सर्च कर रहे थे पोर्न अपने आप खुल रहा था. फिलहाल इस मामले में बुधवार को एक्शन लेते हुए जीवाजी यूनिवर्सिटी ने गाज सर्विस प्रोवाइडर के कर्मचारियों पर गिराई है. इनमें दो महिला सहित पांच कर्मचारियों को सेवा से अलग कर दिया है.
वहीं इस खुलासे के बाद जीवाजी यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया. बताया गया कि कर्मचारी मुंह छुपाते फिर रहे थे. यह भी आरोप लगाया कि इन कर्मचारियों ने यूनिवर्सिटी की इमेज को डैमेज कर दिया. हालांकि अब जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि ग्वालियर में ही करीब दो साल पहले ऐसा ही एक और मामला सामने आया था जब ग्वालियर कलेक्टर कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा पोर्न देखने का मामला सामने आया था. उस समय भी खूब हंगामा मचा था.
उस समय अधिकारियों के दफ्तर में पोर्न देखने का खुलासा तब हुआ जब सभागार में विभागीय बैठक के दौरान बीच में ही लोकसेवा प्रबंधक, एनआईसी प्रभारी और कार्यालय अधीक्षक को विभागों के कंप्यूटरों की जांच करने के लिए भेजा गया.
जांच टीम के सदस्यों ने जब अलग-अलग विभागों के कंप्यूटर के आईपी एड्रेस को चेक किया तो उसमें पोर्न साइट्स, यूट्यूब, और हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखे जाने के सबूत मिले थे.


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