कोरोना के डर से बच्चे को छोड़कर भागे माता-पिता, मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने की अंतिम संस्कार

माता-पिता ने अपने दो साल के बच्चो रिम्स में भर्ती कराया और फिर उसे छोड़कर चले गए

Update: 2021-05-16 13:29 GMT

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. कोरोवायरस से हर दिन लाखों लोग संक्रमित (Covid19 Infection) हो रहे है. यह जानलेवा वायरस बड़ों के साथ साथ बच्चों पर भी अपना कहर बरपा रहा है. कोरोन को लेकर लोग इतना डर चुके हैं कि अपने जान से ज्यादा प्रिय लोगों को भी छोड़ रहे हैं, फिर चाहे वह चाहे किसी मा-बाप का जिगर का टुकड़ा ही क्यों न हो. झारखंड (Jharkhand News) में एक ऐसा ही मामला सामने आया. यहां माता-पिता ने अपने दो साल के बच्चो रिम्स में भर्ती कराया और फिर उसे छोड़कर चले गए. इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. कुछ दिनों तक जब शव को लेने कोई नहीं आया तो अस्पताल प्रशासन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया.

जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला 12 मई का है. यहां दो साल के बिट्टू कुमार को उसके माता पिता ने रिम्स में भर्ती कराया था. अस्पताल में पंजियन के मुताबिक बच्चे के पिता का नाम सिकंदर यादव है. पंजियन के दौरान उन्होंने अपना पता बिहार के जमुई जिले के नैयाडीह लिखाया था. बच्चे की तबियत काफी खराब थी, उसे रिम्स के रीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया था.
झूठ बोलकर रिम्स में कराया भर्ती
अस्पताल में भर्ती कराने के दौरान उन्होंने अस्पताल में डॉक्टरों से कहा था कि बच्चे ने छुहारे की गुठली खा ली है, लेकिन बच्चे की हालत देखकर कड़ाई से उसके माता पिता से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसे तेज बुखार भी आ रहा है. डॉक्टर ने बच्चे के चेस्ट का एक्सरा किया तो उसके फेफड़े में इंफेक्शन निकला. इसके बाद उसे कोरोना जांच के लिए भेजा गया. बच्चे की हालत खराब होने के बाद उसे वेंटिलेटर पर डाला गया. इस बीच मौका पाकर उसके माता-पिता अस्पताल से गायब हो गए.
पंजियन में लिखाया गलत मोबाइल नंबर
रिम्स के डॉक्टर अभिषेक ने कहा कि बच्चे की हालात बाद में काफी बिगड़ गई, उन्होंने बताया कि उसकी जान बचाने के लिए इन्क्यूबेशन तक किया गया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद बच्चा जिंदगी की जंग हार गया. बच्चे की मौत के बाद अस्पताल में पंजीयन के दौरान दिए गए नंबर पर कॉल किया गया तो वह नंबर गलत निकला.
ट्राली मैन ने किया अंतिम संस्कार
बच्चे के शव को जब दो दिन तक कोई नहीं लेने आया तो अस्पताल प्रशासन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मासूम बिट्टू के अंतिम संस्कार की पूरी जिम्मेदारी अस्पतालके ट्राली मैंन रोहित बेदिया ने निभाई. उस मासूम की जिंदगी का अजीब संयोग था कि उसके अंतिम समय में उसे जन्म देने वाले मा-बाप ने ही छोड़ दिया. उसका अंतिम संस्कार भी ऐसे व्यक्ति ने किया जिसे उसने कभी पल भी नहीं देखा.


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