बेटी से यौन उत्पीड़न के आरोपी पिता को हुई आजीवन कारावास, कोर्ट ने पीड़िता को दिया 12 लाख मुआवजा

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Update: 2024-05-02 02:28 GMT

दिल्ली। दिल्ली में एक पिता ने 11 साल की अपनी बेटी के साथ रेप किया. इस मामले में कोर्ट ने दोषी पाए गए पिता को आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा पीड़िता को राहत और पुनर्वास के लिए 12 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, स्पेशल जज अनु अग्रवाल ने उस पिता को सजा सुनाई, जिसे POCSO एक्ट की धारा छह के तहत दोषी ठहराया गया था. 27 अप्रैल को दिए एक आदेश में कोर्ट ने कहा कि आजीवन कारावास का अर्थ 'दोषी की बची हुई प्राकृतिक लाइफ' से है. अदालत की कार्यवाही के दौरान एडिशन पब्लिक प्रोसिक्यूटर अरुण केवी ने दोषी को अधिकतम सजा की मांग की. जज ने कहा कि 11 वर्षीय पीड़िता की मां की मौत के तुरंत बाद दोषी ने अपनी बेटी को यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया. उन्होंने कहा, "अकसर सुना जाने वाला फ्रेज 'पापा की लाडली' एक पिता और बेटी के बीच स्नेहपूर्ण रिश्ते को दर्शाता है. फिर जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो बच्चे को क्या करना चाहिए?"

अदालत ने कहा कि एक बच्चे को माता-पिता पर बिना शर्त भरोसा होता है और वह उनसे प्यार, स्नेह और सुरक्षा की उम्मीद करता है. इसमें कहा गया है कि जब एक घर के सुरक्षित परिसर को यौन उत्पीड़न की जगह में बदल दिया जाता है तो बच्चे के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं होती है. अदालत ने कहा कि यदि "दरिंदा" बच्चे का जैविक पिता था तो यह विश्वास के साथ विश्वासघात और सामाजिक मूल्यों की हानि के समान है. इसमें कहा गया है कि इस तरह के अपराध ने बच्चे पर लंबे समय तक चलने वाला भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव छोड़ा, जिसने ऐसे अदृश्य घावों के साथ, सामान्य रूप से परिवार और दोस्तों और विशेष रूप से समाज में विश्वास खो दिया. अदालत ने पीड़िता को राहत और पुनर्वास के लिए कुल 12 लाख रुपये का मुआवजा दिया है.

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