Farmer 15 जुलाई तक करवाएं खरीफ की फसलों का बीमा

Update: 2024-06-28 12:15 GMT
Chamba. चंबा। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अमित मैहरा ने कहा कि वर्ष 2024 के खरीफ मौसम में मक्की व धान की फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंर्तगत 15 जुलाई तक किया जाएगा। इस खरीफ मौसम में चंबा में मक्की व धान की फसल का बीमा कृषि विभाग से मान्यता प्राप्त क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड कंपनी करेगी। वह गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के सभागार में वर्ष 2024 के खरीफ मौसम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन हेतु जिलास्तरीय निगरानी समिति की बैठक में बोल रहे थे। यदि किसान फसल की बिजाई से पहले फसल का बीमा करवाते हैं तो प्राकृतिक कारणों से बिजाई न कर पाने की स्थिति में भी किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई की जाती है। खड़ी फसल तथा फसल की गहाई करने तक सूखा, बाढ़, प्राकृतिक कारणों से आगजनी, भू-स्खलन, ओलावृष्टि व तूफान इत्यादि से होने वाले नुकसान की भरपाई भी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में की जाती है।
उन्होंने कहा कि मक्की व धान की फसल का बीमा करवाने के लिए 96 रुपए प्रति बीघा की दर से प्रीमियम देना पड़ता है। यदि प्राकृतिक कारणों से फसल को नुक्सान हो जाए तो आंकलन के उपरांत अधिकतम 4800 रुपए प्रति बीघा की दर से भरपाई की जाती है। इसलिए सभी किसान किसी भी लोक मित्र केंद्र या जन सेवा केंद्र में जाकर या सीधा पोर्टल के माध्यम से अपनी मक्की व धान की फसलों का बीमा करवा सकते है। बैठक में कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. कुलदीप धीमान, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड साहिल स्वांगला, जिला राजस्व अधिकारी जगदीश चंद्र सांख्यान आरती कृषि विकास अधिकारी, अग्रणी बैंक प्रबंधक की ओर से विवेक चौहान, राज्य सहकारी बैंक से जिला प्रबंधक हेम राज, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी से भुवनेश कुमार तथा क्षेमा जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड की ओर से मदन लाल उपस्थित रहे।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने कहा कि पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत बेमौसमी सब्जियों में मटर की फसल का बीमा 30 जून तक तथा टमाटर की फसल का बीमा 31 जुलाई तक तक करवाया जा सकता है किसान 800 रुपए प्रति बीघा का प्रीमियम देकर अपनी मटर और टमाटर की फसल का बीमा भी करवा सकते हैं तथा प्राकृतिक कारणों से नुकसान होने पर अधिकतम 16 हजार रुपए प्रति बीघा का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दोनों योजनाओं के अंर्तगत पंजीकरण करवाना बहुत आसान है, क्योंकि इस योजना में पंजीकृत करवाने के लिए किसी भी लोक मित्र केंद्र में जाकर किसान को केवल अपनी एक फोटो, आधार कार्ड की प्रतिलिपि, खेत के खसरा नंबर का सबूत देना होता है,जबकि ऋणी किसानों की फसल का बीमा किसान की इच्छा जानने के वाद बैंक द्वारा स्वत: ही कर दिया जाता है।
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