नकली करेंसी की तस्करी करने वाला बदमाश गिरफ्तार, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
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बहराइच। भारतीय अर्थव्यवस्था को चोट पहुचाने के लिए नकली करेंसी के सौदागर सक्रिय हैं। पुलिस ने शनिवार को नकली नोटों के गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 500 और 200 रुपये के नोटों की खेप बरामद की गई है। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने चौकाने वाला खुलासा किया है। इसके सहारे पुलिस मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिशें कर रही है।
भारत-नेपाल खुली सीमा देश विरोधी संग नकली करेंसी के सौदागरों के लिए मुफीद साबित हो रही है। आए दिन नकली नोटों की खेप बरामद हो रही है। इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस मुखबिरों का जाल बिछाए हुए थी। शनिवार को एसओजी व देहात कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आसाम हाइवे पर आरोपित के पहुंचने का इंतजार कर रही थी। संदिग्ध बाइक सवार दिखने पर पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया। पुलिस को देखकर आरोपित भागने के लिए बाइक की गति बढ़ाई, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया।
तलाशी के दौरान उसके पास से 500 के 43 व 200 के 173 जाली नोट बरामद किए गए है। यानी कुल 38,700 रूपये की बरामदगी हुई। जांच में सभी नोट नकली पाए गए हैं। इसके बाद पुलिस आरोपित को पूछताछ के लिए ले गई। आरोपित अपने ही गिरोह के सदस्य को नोटों की खेप बाजार में चलन के लिए देने आया था। नकली करेंसी के गिरोह से कई नामी लोगों के जुड़े होने की बात भी सामने आ रही है। हालाकि पुलिस इस आरोपी के सहारे गिरोह के मुख्य सरगना तक पहुंचने की कोशिशें कर रही है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान देहात कोतवाली के जगतापुर बंदरिया बाग निवासी रिजवान उर्फ राजा के रूप में हुई । उसके विरूद्ध जाली करेंसी की धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेजा गया है।
बहराइच में नकली करेंसी के मुख्य सूत्रधार रामगांव इलाके के बब्बन सिंह को बताया जा रहा है। पुलिस बब्बन को सरगर्मी से तलाश कर रही है। बताया जा रहा है नकली करैंसी संग गिरफ्तार आरोपी रिजवान उर्फ राजा को इन नोटों की डिलीवरी बब्बन सिंह ने ही की थी। हालांकि यह नकली करैंसी कलर्ड टेलीप्रिंटर से छापी गई है। रुपईडीहा पुलिस ने भी इसी तरीके के नकली नोट के साथ कुछ महीने पहले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। यूपी एटीएस व मुर्तिहा पुलिस की ओर से छह माह पूर्व तीन नकली नोटों के सौदागरों को गिरफ्तार किया गया था। बरामद करेंसी पाकिस्तान से भेजी गई थी, जो बिहार के रास्ते यूपी से होकर बहराइच में खपाने के लिए लाई गई थी।