बिना परमिशन निजी प्रॉपर्टी में नहीं लगेंगे प्रदर्शनी-स्टाल

Update: 2024-05-06 12:16 GMT
शिमला। शिमला में सरकारी महकमों और भवन मालिकों को सामान बेचने के लिए, अपनी जमीन या परिसर किराए पर देने से पहले नगर निगम की अनुमति लेनी होगी। अनुमति के लिए पहले कुल किराया राशि का दस फीसदी शुल्क नगर निगम में जमा करना होगा। नगर निगम राजधानी में इस व्यवस्था को अब सख्ती से लागू करने जा रहा है। निगम प्रशासन ने संपदा शाखा को इसके बारे में निर्देश जारी किए हैं। नगर निगम अधिनियम में पहले से यह व्यवस्था थी, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया था। नियमानुसार किसी भी भवन मालिक या सरकारी महकमे को यदि अपनी जमीन या परिसर व्यवसायिक गतिविधि के लिए किराए पर देना है तो पहले नगर निगम से इसकी अनुमति लेना जरूरी है। भवन मालिक किराए के रूप में जितनी राशि वसूलेगा, उसका दस फीसदी शेयर निगम में जमा करना होगा।

शहर में कई सरकारी महकमे और भवन मालिक ऐसे हैं। जो हर साल अपने परिसरों को सामान बेचने के लिए किराए पर देते हैं। यह अभी तक नगर निगम को कोई शुल्क नहीं दे रहे थे। इसी व्यवस्था को लागू करते हुए नगर निगम ने चर्च परिसर में प्रदर्शनी की अनुमति देने के लिए भी शुल्क वसूला है। सदन में मनोनीत पार्षद अश्वनी सूद ने निजी परिसर में सामान बेचने या प्रदर्शनी लगाने को लेकर सवाल पूछा था। प्रशासन का कहना है कि भवन मालिक अनुमति लेकर ऐसा कर सकता है, लेकिन उसे तय शुल्क देना होगा। नगर निगम ने इंदिरा गांधी खेल परिसर में हाल ही में लगाई गई प्रदर्शनी को लेकर भी प्रबंधन को नोटिस भेजा है। इसमें कहा है कि भविष्य में परिसर में लगने वाली प्रदर्शनी के लिए मंजूरी ली जाए। परिसर में साल में कम से कम चार प्रदर्शनी लगाई जाती है। इसमें सामान बेचने के लिए कई स्टाल लगते हैं, जिसका किराया आता है। निगम ने इस किराये का दस फीसदी शेयर भी मांगा है। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि यह व्यवस्था पहले से हैं। खेल परिसर को भी इसी बारे में लिखा है।
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