Dharmashaala. धर्मशाला। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की नीतियां हमेशा ही स्कूलों, छात्रों और अभिभावकों पर भारी पड़ती आई हैं। हर साल शिक्षा बोर्ड एक-आध ऐसा फरमान जारी करता है, जो उसके एकाधिकार को साबित करता है। इस बार कई वर्षों बाद शिक्षा बोर्ड को परीक्षा केंद्र शुल्क की याद आ गई है। कई वर्षों से ऑफलाइन वसूले जा रहे परीक्षा केंद्र शुल्क को अब ऑनलाइन कर दिया गया है और नाममात्र के समय में फीस जमा करवाने के निर्देश भी स्कूलों को जारी किए गए। इसके चलते स्कूल भी अचानक से परीक्षा केंद्र शुल्क को लेकर परेशान हो गए हैं। शिक्षा बोर्ड की ओर से बिलंव शुल्क भी सीधे पांच हज़ार की बड़ी रकम रखी गई थी, हालांकि स्कूलों के बोर्ड के खिलाफ आवाज उठाने पर अब तिथि को बढ़ाकर 15 सितंबर तक बिना विलंब शुल्क कर दिया गया है। इतना ही नहीं, स्कूल परीक्षा केंद्रों को कई महत्त्वपूर्ण औपचारिक्ताओं को भी पूरा करने को कहा गया है।
इससे पहले स्कूल शिक्षा बोर्ड की ऑफलाइन प्रक्रिया में कई स्कूलों ने परीक्षा केंद्र शुल्क जमा ही नहीं करवाए थे। बावजूद इसके शिक्षा बोर्ड की ओर से स्कूलों के प्रति छात्र परीक्षा शुल्क के तहत भी परीक्षाओं का संचालन सही प्रकार से होता रहा है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्रों के निर्माण, उन्नयन, प्रतिधारण, नवीनीकरण की सुविधा के लिए ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर सकते हैं। अब स्कूलों को परीक्षा केंद्रों का तीन हज़ार शुल्क जमा करवाने के लिए 15 सितबंर तक का समय दिया है। विभिन्न परीक्षाओं सहित अब परीक्षा केंद्र शुल्क भी हर हाल में वसूला जा रहा है। प्रदेश भर से छात्रों, अभिभावकों व स्कूल प्रबंधन की ओर से प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को लेकर बड़े सवाल उठाए जा रहे हैं। स्कूलों के पास फंड होते नहीं कि वे बोर्ड के इस फरमान को रातों-रात पूरा कर दें। स्कूल प्रमुखों को अंतत: छात्रों पर निर्भर रहना पड़ता है। छात्र इतने अमीरजादे तो हैं नहीं कि वे पहले परीक्षा शुल्क दें और फिर परीक्षा केंद्र शुल्क भी।