ED ने मांगी नवाब मलिक की 14 दिन की कस्टडी, वकील ने दी कोर्ट में ये दलील

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Update: 2022-02-23 15:06 GMT

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलचल तेज है. ईडी ने नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले को लेकर गिरफ्तार किया है. जिसके बाद कोर्ट में ईडी की तरफ से नवाब मलिक की रिमांड मांगी गई. दोनों ही पक्षों की तरफ से कोर्ट में दलीलें रखी गईं. जिसमें नवाब मलिक के वकील ने कहा कि, अगर मलिक जेल जाते हैं तो ये ठीक नहीं होगा. क्योंकि ये देश कानून की वजह से ही बचा है. अगर हम इसमें असफल हो जाते हैं तो हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है.

नवाब मलिक के वकील ने दी कोर्ट में दलील
नवाब मलिक के वकील अमित देसाई ने कहा कि, सलीम पटेल के नाम को लेकर बहुत ही कंफ्यूजन है. एक सलीम पटेल की मौत हो गई है और दूसरे सलीम पटेल ज़िंदा हैं. सलीम पटेल का बयान दर्ज किया गया, जिसने मलिक को प्रॉपर्टी बेची थी, लेकिन ये वो सलीम पटेल नहीं है जिसने मलिक को संपत्ति बेची थी. एक ही नाम के दो लोग हैं. ये सलीम फ़्रूट है जो कि छोटा शकील का रिश्तेदार है. जिस सलीम पटेल के नाम का ज़िक्र पहले किया गया वो अलग है. देसाई ने आगे कहा कि, ED ने कई सारी बातें रिमांड में लिखी हैं, जिसका मलिक से कोई लेना देना नहीं है. फिर भी उन्हें यहां गिरफ़्तार कर लाया गया है. मुझे इस मामले का कोई आइडिया नहीं है कि वो यहां इस कोर्ट में क्यूं हैं.
किसी भी मामले से मलिक का कोई लेना-देना नहीं - वकील
मलिक के वकील ने कोर्ट में कहा कि, NIA ने 14 फ़रवरी 2022 को मामला दर्ज किया था और वो भी ऐसे ग्राउंड पर जो आज की तारीख़ में हर किसी को पता है. ED कहती है ECIR उन्होंने इस मामले के आधार पर दर्ज किया है. इसके बाद 2017 की FIR का ज़िक्र किया है जो कि ठाणे पुलिस ने दाऊद और उसके लोगों के ख़िलाफ़ दर्ज की थी, उस मामले से भी मलिक का कोई लेना देना नहीं है. ED ने रिमांड में कहीं भी नहीं बताया कि 2017 वाले मामले में क्या कनेक्शन है. उस मामले में पुलिस ने चार्जशीट भी दायर की है. ये सही अप्रोच नहीं है कि 1999 से लेकर 2005 के बीच के मामले की जांच कर रहे हैं और इन्हें उसके लिए 14 दिन कस्टडी चाहिए. ED ने अपनी रिमांड में कई बातें ऐसी लिखी हैं जो एक दूसरे से मेल नहीं खातीं.
नवाब मलिक पर ईडी ने लगाए आरोप
वहीं ईडी की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट से नवाब मलिक की 14 दिनों की कस्टडी मांगी. उन्होंने कहा कि, जांच के दौरान पता चला कि D गैंग के एक मेंबर की 200 करोड़ की सम्पत्ति को नवाब मलिक के परिवार और उनके द्वारा नियंत्रण किए जाने वाली कंपनी ने ख़रीदा है. मरियम और मूनीरा ये लोग इस प्रॉपर्टी के मालिक हैं. दाऊद की बहन हसीना पार्कर उसके लिए बहुत अहम भूमिका निभाती थी. दाऊद हथियारों की तस्करी, नार्को टेररिज्म, अंडरवर्ल्ड क्रिमिनल सिंडिकेट, मनी लॉन्ड्रिंग, फ़ेक इंडियन नोट को सर्कुलेट करना और आतंक को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग करवाने जैसे काम लश्कर- ए- तैयबा (LeT), जैश- ए- मोहम्मद (JeM), अल क़ायदा (AQ) और दूसरे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों के लिए कर रहा है.
इस दौरान नवाब मलिक ने कोर्ट में कहा कि, वो सुबह मेरे घर आए, मुझे डिटेन किया और मुझसे समन पर हस्ताक्षर करवाया. मुझे जबरन लाया गया. उन्हें मुझे समन भेजकर बुलाना चाहिए पर वो मेरे घर आए और मुझे जबरन साथ लेकर गए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अब कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
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