राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रविवार शाम सिक्किम के पूर्वी जिले में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप रात 9 बजकर 50 मिनट पर आया। भूकंप का केंद्र राज्य की राजधानी गंगटोक से लगभग 18 किलोमीटर दूर अक्षांश 27.25 डिग्री उत्तर और देशांतर 88.77 डिग्री पूर्व में स्थित था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भूकंप के झटके पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में महसूस किए गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक भूकंप से किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।
लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।