Shilaai. शिलाई। बरसात में भी सूबे के कई क्षेत्र सूखे जैसी स्थिति में हैं तो वहीं किसानों की फसलें भी चौपट हो गई हैं। कई क्षेत्रों में दलहनी फसलें और सब्जियां भी नष्ट होने के कगार पर हैं। आए दिनों हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग का भारी बारिश का पूर्वानुमान कई क्षेत्रों के लिए अपवाद बन गया है। यहां जमीनी स्तर पर कई क्षेत्रों में बारिश नजर नहीं आ रही है। कई क्षेत्रों में फसलें सूख चुकी हैं। फलदार पौधों की फसल का सही आकार नहीं बन पा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के कई पंचायतों में बारिश न होने से मक्की व नकदी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। फॉल आर्मी वार्म रोग क्षेत्रों में मक्की की फसल सूखे जैसी स्थिति की चपेट में है। कई क्षेत्रों में तिलहनी व दलहनी फसलें और सब्जियां भी सूखे जैसी स्थिति से नष्ट होने के कगार पर हैं। उपमंडल शिलाई में अच्छी बारिश न होने से फसलों की वृद्धि पर रोक लग गई है। कुछ क्षेत्रों को छोडक़र जिले के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश नहीं हो रही है। बीते दिन आंजभोज क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई, जिससे किसानों ने इस बारिश से राहत की सांस ली।
इसके अलावा शिलाई क्षेत्र की 30 पंचायतों में किसान बारिश न होने से परेशान हैं। नकदी फसल टमाटर, शिमला मिर्च, तीखी मिर्च, अदरक, फ्रांसबीन सहित सब्जियों की वृद्धि पर इसका अधिक असर पड़ रहा है। सूखे के चलते मक्की की फसल में फॉल आर्मी वार्म कीड़े के प्रकोप ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। 15 फीसदी मक्की की फसल खराब हो चुकी है। शिलाई में इस वर्ष करीब 1500 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फसल तथा 100 हेक्टेयर से ज्यादा नकदी फसल लगाई गई है। जिससे लगभग 10 हजार मीट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होने की उम्मीद थी। इस वर्ष सूखे जैसी स्थिति के चलते मक्की की फसल में फॉल आर्मी वार्म नामक कीड़े के प्रकोप के कारण उपमंडल में मक्का की खेती करने वाले किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। मंगलवार सुबह की शुरुआत धूप से हुई और दोपहर तक इस धूप ने मई-जून की धूप का रूप ले लिया। किसान आसमान पर टकटकी लगाए हैं कि जल्द बारिश हो और उन्हें राहत मिले।