साइबर अटैक का खात्मा करेगा ड्रोन, दुश्मनों को खोज लेगा

Update: 2023-07-28 11:49 GMT

दिल्ली: दिन ही नहीं रात के अंधेरे को चीर कर अब दुश्मनों को पकडऩे का काम ड्रोन करेगा। यही नहीं अगर किसी भी सरकारी साइट पर साइबर अटैक हुआ तो उसे चंद सैंकड़ों में रोका जा सकता है। इसके अलावा गंदे या गहरे पानी में 50 फीट तक केवल एक चश्मे के जरिए तैराक अंदर तक देख सकता है। ये सब नई तकनीकों का प्रदर्शन दिल्ली के प्रगति मैदान में सिक्योरिटी एक्पों में किया गया। दो दिन चलने वाली प्रदर्शनी के दौरान पुलिस एक्सपो में हथियारों व उपकरणों की नुमाईश में खासा रूचि दिखाई।

25 देशों की तीन सौ कंपनियों ने अपने अपने हथियारों व उपकरणों को प्रदर्शित किया। इनके बीच मेड इन इंडिया के हथियारों ने भी लोगों को आकृषित किया। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने इन हथियारों पर खासा रूचि दिखाई। यह पहला मौका नहीं हैं कि जब मेड इन इंडिया ने सुरक्षा एजेंंसियों जिसमें विदेशी एजेंसियों के अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने इन

हथियारों और उपकरणों की तारिफ की। अधिकारियों ने बताया कि एक्सपो हर बार की तरह इस बार भी आर्कषण का केन्द्र बना। सीमाओं पर दुश्मनों से मुकाबला करने से लेकर साइबर क्रॉइम तक आज एक चुनौती बना हुआ है। उससे लड़ने के लिये ही कंपनियों ने अपने अपने हथियार व सॉ टवेयर को प्रदर्शित किया है। कई चीजें पसंद भी आई हैं। जिनके बारे में कंपनी से जानकारी भी ली है। इस बार एक्सपो में फायरआर्म्स, ड्रोन, बुलेट प्रूफ जैकेट, साइबर सिक्योरिटी, मोबाइल फोरेंसिक, काउंटर ड्रोन, आर्मर्ड व्हीकल जैसे अत्याधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है।

स्वदेशी कंपनियों ने भी लिया भाग

उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित स्माल आर्म्स फैक्ट्री द्वारा बनाई गई लाइट मशीन गन (7.62 एमएम) प्रदर्शित की गई है। इसे चलाना काफी आसान है। इसकी रेंज 800 मीटर है। 1200 एमएम लंबाई की इस गन का वजन 9.7 किलोग्राम है। इसे एक मीनट में 600 राउंड फायर किया जा सकता है। एक बार मैगजीन लगा देने के बाद जब बुलेट खत्म हो जाए तो उसमें नई मैगजीन जोड़ी जा सकती है।

प्रदर्शित किए गए असाधारण उत्पादों में अशानी-0.&2 एमके-आईएम पिस्तौल थी, जिसे कोलकाता स्थित बंदूक निर्माताओं, एडवांस वेपन एंड इक्विपमेंट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया था। सबसे छोटे और सबसे विवेकशील आत्मरक्षा उपकरण के रूप में डिज़ाइन की गई, यह 660 ग्राम पिस्तौल विशेष रूप से महिलाओं को आत्मविश्वास से अपनी रक्षा करने के लिए सशक्त बनाने के लिए तैयार की गई है।

स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर एके राय ने बताया कि देश में पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस विभाग में इसकी आपूर्ति शुरू कर दी गई है। इसकी कीमत करीब साढ़े नौ लाख रुपए है। वहीं, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर की ओर से प्रदर्शित की गई माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के चार्जमैन जितेंद्र कुमार ने बताया कि गाड़ी 12 लोग बैठ कर सभी एक साथ फायर कर सकते हैं। बारूदी सुरंग का गाड़ी पर कोई असर नहीं होगा। यह गाड़ी भारतीय सेना के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ को आपूर्ति की जा रही है। गाड़ी की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ है। यह फोर बाई फोर है यानी कि इसमें चारों पहियों में पावर होती है, जिससे यह दुर्गम इलाकों और खड़ी चढ़ाई पर भी आराम से चली जाती है। जितेंद्र ने बताया कि इस वाहन का एक-एक पुर्जा स्वदेशी तकनीक से देश में ही बना है। यह गाड़ी अन्य देशों की सेना को भी दी जाती है।

सभी तरह के मौसम में उड़ सकता है ड्रोन

एलका पोनिक्स एयरोब कंपनी ने तवस विजन नाम का एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो सर्विलांस के क्षेत्र में काफी उन्नत है। कंपनी के प्रबंधक जयंत सिन्हा ने बताया कि 1.82 मीटर लंबा और 16 किलो वजनी यह ड्रोन खराब मौसम में भी काम करता है और लाइव डाटा भेजता है। यह एक बार में 50 मिनट तक लगातार उड़ सकता है। इसकी स्पीड &0 से 45 मीटर प्रति सेकंड है। यह चार किलोमीटर दूर तक का वीडियो शूट करके कमांड सेंटर को भेज सकता है और इससे 20 किलोमीटर तक क युनिकेट किया जा सकता है।

इस ड्रोन के जरिए किसी भी तस्वीर को 10 गुना तक ’यादा जूम करके लिया जा सकता है। इसके बावजूद पिक्चर क्वालिटी खराब नहीं होती है। एक और उल्लेखनीय आकर्षण डेटेगो यूनिफाइड डिजिटल फोरेंसिक प्लेटफ़ॉर्म था, जिसने जांच में तेजी लाने की अपनी क्षमता के लिए प्रशंसा प्राप्त की। एआई-संचालित एनालिटिक्स और रिकॉर्ड-सेटिंग डेटा अधिग्रहण क्षमताओं से लैस, डेटेगो कंप्यूटर और फोन से लेकर ड्रोन और स्मार्ट डिवाइस तक विभिन्न उपकरणों से महत्वपूर्ण डेटा निष्कर्षण को आसानी से संभालता है।

मानव रहित लाइफ बोया

प्रदर्शित ड्रोन प्रौद्योगिकी में मानव रहित लाइफ बोया शामिल है, जो समुद्री बचाव के लिए डिजाइन किया गया है, और पीड़ितों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित रूप से किनारे पर वापस लाने के लिए सुसज्जित है, जिससे यह भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन गई है। एक्सपो में पुलिस और सशस्त्र बलों के लिए निगरानी, निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं को फिर से परिभाषित करने वाली नवीनतम ड्रोन तकनीक का लॉन्च भी देखा गया।

डेमो नहीं असली हथियार रखे गए थे, प्रदर्शित करने के लिये

एक्सपो में हथियारों के शौकिनों में महिलाएं भी शामिल रही थी। जिन्होंने लाईट वेट गन मशीन व पिस्टल को देखकर उसके बारे में जानकारी ली बल्कि उसके साथ सेल्फी और फोटो भी खींचवाई। एक्सपो में छोटे हथियार या फिर उपकरण के डेमो नहीं रखे हुए थे। बल्कि असली हथियार रखे गए थे। जबकि सुरक्षा एजेसियों के अधिकारियों ने लाईट वेट पिस्टल को ’यादा देखा। इस बारे में उनका कहना था। कम वेट और ’यादा कारतूस की पिस्टल फायदेमंद रहती है। जिसको संभालने में सबसे ’यादा आसानी होती है। ऐसी पिस्टल हमारे देश में भी काफी ’यादा बनाई जा रही है। जो विदेशी पिस्टलों से कम नहीं हैं।

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