Shimla. शिमला। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा है कि भाजपा ने अपने समय में हिमाचल टूरिज्म के होटलों को बेचने और लीज पर देने का फैसला किया था। उस समय पार्टी फंड के नाम पर एक व्यक्ति से सौदा भी किया गया था। इन होटलों को लीज पर लेने के लिए बैंक से भारी-भरकम ऋण लिया गया, लेकिन बाद में डील फाइनल नहीं हो पाई थी। नरेश चौहान ने बताया कि राज्य सरकार अब उस समय की सौदेबाजी को लेकर तह तक जाएगी और कोई घोटाला सामने आता है, तो भविष्य में इसकी जांच भी करवाएगी। उन्होंने कहा कि यह जांच किस एजेंसी को सौंपी जाएगी, इसका फैसला भविष्य में होगा। मीडिया सलाहकार नरेश चौहान गुरुवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि होटलों की नीलामी के फैसले पर राज्य सरकार ने कमेटी का गठन किया है। सेवानिवृत्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में बनाई गई इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार आगामी कदम उठाएगी। उन्होंने बताया कि होटलों को लीज पर देना है या राज्य सरकार न्यायालय में अपील दायर करेगी। इसका फैसला भी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही होगा।
उन्होंने कहा कि 64 करोड़ रुपए के अपफ्रंट प्रीमियम पर दिल्ली के हिमाचल भवन की संपत्ति को सिंगल बैंच ने कुर्क करने के आदेश दिए थे और इसके खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बैंच में अपील दायर कर दी है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष इस मुद्दे पर राज्य को समूचे देश में बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जिस समय मुख्यमंत्री थे ऊना रेलवे स्टेशन के अटैचमेंट आदेश पारित हुए थे। उस समय रेलवे ने संपत्ति अधिग्रहण के एवज में स्थानीय लोगों को भुगतान नहीं किया था। तब न्यायालय ने रेलवे स्टेशन को सील करने के आदेश कर दिए थे। इसके अलावा जंगी थोपन हाइड्रो प्रोजेक्ट के मामले में 280 करोड़ रुपए की वापसी के लिए पूर्व सरकार तैयार हो गई थी। जबकि मौजूदा सरकार ने उच्च न्यायालय के डबल बेंच से अपील की और फैसला प्रदेश हित में हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले पहले भी होते रहे हैं। ऐसे में सरकार पर निशाना साधना सही बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर को भी प्रदेश हित में गंभीरता दिखानी होगी।